न्यूयार्क/मास्को, 01 फरवरी (हि.स.)। भारत-रूस मैत्री का एक रंग संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भी देखने को मिला। भारत ने रूस के साथ रिश्ता निभाते हुए यूक्रेन संकट पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की खुली बैठक के आयोजन को लेकर हुए मतदान में हिस्सा नहीं लिया। इस पर रूस ने भारत को धन्यवाद दिया है।
यूक्रेन की सीमाओं के पास हजारों रूसी सैनिकों के एकत्र होने के बीच यूक्रेन संकट पर चर्चा करने के लिए 15 सदस्यीय परिषद ने बैठक की थी। बैठक से पहले परिषद के स्थायी और वीटो अधिकार प्राप्त सदस्य रूस ने यह निर्धारित करने के लिए एक प्रक्रियागत वोट का आह्वान किया था कि क्या खुली बैठक आगे बढ़नी चाहिए।
अमेरिका के अनुरोध पर हुई बैठक के लिए परिषद को नौ मतों की आवश्यकता थी। रूस और चीन ने बैठक के खिलाफ मतदान किया, जबकि भारत, गैबॉन और केन्या ने मतदान में भाग नहीं लिया। इसके बाद रूस ने ‘मतदान से पहले अमेरिकी दबाव के बावजूद डटे रहने’ के लिए भारत को धन्यवाद दिया है।
फ्रांस, अमेरिका और ब्रिटेन सहित परिषद के 10 सदस्यों ने बैठक के पक्ष में मतदान किया। बैठक में भारत ने रेखांकित किया कि शांत और रचनात्मक कूटनीति समय की आवश्यकता है और अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के व्यापक हित में सभी पक्षों द्वारा तनाव बढ़ाने वाले किसी भी कदम से बचना चाहिए। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टी एस तिरुमूर्ति ने कहा कि भारत का हित एक ऐसा समाधान खोजने में है जो सभी देशों के वैध सुरक्षा हितों को ध्यान में रखते हुए तनाव को तत्काल कम कर सके और इसका उद्देश्य दीर्घकालिक शांति और स्थिरता हासिल करना हो।