अप्रैल 2021 से जनवरी 2022 तक पश्चिम रेलवे ने 12,523 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया

मुंबई, 1 फरवरी, (हि. स.)। पश्चिम रेलवे ने अपने राजस्व को बढ़ाने के लिए सर्वोत्तम संभव प्रयास किए हैं और इसकी गति को बनाए रखा है। कोविड-19 महामारी से उत्पन्न कठिन चुनौतियों के बावजूद पश्चिम रेलवे ने असाधारण रूप से अच्छा प्रदर्शन किया है। इस दिशा में आगे बढ़ते हुए पश्चिम रेलवे ने प्रारंभिक राजस्व में 30 जनवरी 2022 को 12,000 करोड़ रुपये का एक बड़ा मील का पत्थर पार किया। पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक आलोक कंसल के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में यह प्रमुख उपलब्धि संभव हुई है।

पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी सुमित ठाकुर द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार 1 अप्रैल 2021 से 30 जनवरी 2022 की अवधि के दौरान पश्चिम रेलवे ने 12,523 करोड़ रु. का प्रारंभिक राजस्व अर्जित किया, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 27% से अधिक है। यह उल्लेखनीय है कि पश्चिम रेलवे ने हाल ही में 14 दिसंबर 2021 को 10,000 करोड़ रुपये का आंकड़ा पार करने में 50 दिनों से भी कम समय में यह उपलब्धि हासिल की है।

ठाकुर ने आगे बताया कि नीतियों में सकारात्मक बदलाव और विभिन्न क्षेत्रों में पश्चिम रेलवे द्वारा आक्रामक विपणन प्रयासों से राजस्व में निरंतर वृद्धि हुई है। 1 अप्रैल 2021 से 30 जनवरी 2022 की अवधि के दौरान पश्चिम रेलवे ने अपनी 706 पार्सल विशेष ट्रेनों के माध्यम से 2.72 लाख टन से अधिक वजन वाली वस्तुओं का परिवहन किया है, जिनमें कृषि उत्पाद, दवाएं, चिकित्सा उपकरण, मछली, दूध आदि मुख्य रूप से शामिल हैं। इस परिवहन के माध्यम से लगभग 96.92 करोड़ रुपये राजस्व प्राप्त किये गये।

पश्चिम रेलवे द्वारा 1 लाख टन से अधिक भार और वैगनों के 100% उपयोग के साथ 153 दुग्ध विशेष ट्रेनें चलाई गईं। इसी तरह, आवश्यक वस्तुओं के परिवहन के लिए 32,300 टन से अधिक भार वाली 161 कोविड-19 विशेष पार्सल ट्रेनें भी चलाई गईं। इसके अलावा, लगभग 87,500 टन माल परिवहन हेतु 231 इंडेंटेड रेक भी 100% उपयोग के साथ चलाए गए। किसानों को उनकी उपज के लिए नए बाजार खोजने में मदद करने के लिए और इसके किफायती और तेज परिवहन के लिए विभिन्न मंडलों से इस अवधि के दौरान 43,500 टन से अधिक भार वाली 161 किसान रेलें भी चलाई गई हैं।

उल्लेखनीय है कि 1 अप्रैल 2021 से 30 जनवरी 2022 तक पश्चिम रेलवे ने पिछले वर्ष की इसी अवधि में 66.48 मिलियन टन की तुलना में मालगाड़ियों में 72.10 मिलियन टन की लोडिंग दर्ज की है, जो लगभग 9% अधिक है। इसके परिणामस्वरूप 8930 करोड़ रुपये से अधिक का कुल माल राजस्व प्राप्त हुआ है।

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