नई दिल्ली, 01 फ़रवरी (हि.स.)। दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकार (डीडीएमए) को निर्देश दिया है कि वो कोरोना संक्रमण की घटती दर को देखते हुए निजी कार में फेस मास्क लगाने को अनिवार्य करने के फैसले पर दोबारा विचार करे। जस्टिस विपिन सांघी की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि निजी कार में फेस मास्क लगाना अनिवार्य करना बेतुका फैसला है।
सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील राहुल मेहरा ने कहा कि डीडीएमए के इस आदेश पर दोबारा विचार करने की जरूरत है। तब कोर्ट ने मेहरा से पूछा कि ये आदेश तो दिल्ली सरकार की ओर से लिया गया है तो आप इसे वापस क्यों नहीं ले सकते हैं। तब मेहरा ने कहा कि सरकार को इसे वापस लेने की प्रक्रिया में महीनों लग सकते हैं, अगर कोर्ट कुछ आदेश देती है तो उसमें तेजी आएगी।
मेहरा ने कहा कि जब हम घर में हैं तो ठीक है, लेकिन जैसे ही हम कार में जाते हैं तो किसी को मुझसे दो हजार रुपये का फाइन लेने का लाइसेंस मिल जाएगा। इस पर कोर्ट ने कहा कि वाकई ये बेतुका फैसला है। आप अपनी कार में बैठे हैं और आपको मास्क लगाना अनिवार्य होगा। उसके बाद कोर्ट ने डीडीएमए को निर्देश दिया कि वो इस फैसले पर दोबारा विचार करे।