नई दिल्ली, 28 जनवरी (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि ‘विरासत भी और विकास भी’ के मंत्र पर काम कर रहे भारत की यात्रा में सबका प्रयास शामिल होना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत पूरे विश्व के कल्याण की कामना लिये हुए है। ऐसे में हम जितना भारतीय परम्पराओं और पहचान को आगे बढ़ाएंगे मानवता की सेवा के उतने ही अवसर प्रशस्त करेंगे।
पंडित जसराज कल्चरल फाउंडेशन के शुभारंभ के अवसर पर प्रधानमंत्री ने अपने संदेश में कहा कि भारत का ज्ञान, दर्शन, चिंतन, विचार, आचार, संस्कृति, संगीत सबके मूल में मानवता की सेवा का भाव है। पूरे विश्व के कल्याण की कामना इनमें सहज रूप से प्रकट होती है। हम भारत की परम्पराओं और पहचान को जितना आगे बढ़ाएंगे उससे मानवता की सेवा के उतने ही अवसर प्रशस्त होंगे।
कल्चरल फाउंडेशन से दो बातों पर ध्यान देने का आग्रह करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय संगीत को विश्व पटल रखने के लिए हमें भूमिका निभानी होगी। साथ ही देश में संगीत आधारित स्टार्ट अप तैयार होने चाहिए ।
उन्होंने कहा कि भारतीय संगीत, मानव मन की गहराई को आंदोलित करने का सामर्थ्य रखता है। साथ- साथ, प्रकृति और परमात्मा से एकाकार के अनुभव को भी बल देता है। भारत की इस विरासत से पूरी मानव जाति और पूरा विश्व लाभान्वित होना चाहिए। साथ ही भारतीय संगीत की पवित्र धारा को आधुनिक टेक्नोलॉजी से सुसज्जित होना चाहिए। इस पर बहुत कुछ करने की आवश्यकता है। गुरु-शिष्य परंपरा बनाए रखते हुए टेक्नोलॉजी के माध्यम से एक वैश्विक ताकत प्राप्त होनी चाहिए।
पंडित जसराज की जयंती के अवसर पर पंडित जसराज कल्चरल फ़ाउंडेशन की स्थापना के प्रधानमंत्री ने संस्थापकों और संगीत प्रेमियों को बधाई दी।
उल्लेखनीय है कि पंडित जसराज कल्चरल फ़ाउंडेशन का उद्देश्य भारत की राष्ट्रीय विरासत, कला और संस्कृति की रक्षा, विकास और प्रचार करना है। फाउंडेशन उभरते हुए कलाकारों को सहयोग देगा, कलाकारों को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने के लिए भी प्रयास करेगा।