वैक्सीन की भारी किल्लत, 17 स्कूलों में चल रहे टिकाकरण केंद्रों को करना पड़ा बंद : सिसोदिया

नई दिल्ली, 12 मई ( हि. स.)। दिल्ली सरकार ने एक बार फिर राष्ट्रीय राजधानी में वैक्सीन की कमी का मुद्दा उठाया है। सरकार का आरोप है कि उसने वैक्सीन की कम्पनी से 67 लाख डोज मांगे थे लेकिन कंपनी ने देने से इंकार कर दिया। 
 दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बुधवार को एक प्रेस वार्ता के दौरान को-वैक्सीन के पत्र का हवाला देते हुए कहा कि ‘ इस पत्र में साफ साफ लिखा है कि वैक्सीन निर्माता कंपनी केंद्र सरकार के कहने पर ही राज्यों को वैक्सीन दे रहे है, साथ पत्र में ये भी लिखा है कि हम दिल्ली को और वैक्सीन नहीं दे सकते है क्यूंकि हमें केंद्र के हिसाब से ही वैक्सीन देनी है। 
 उपमुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार की वैक्सीन निर्यात नीति पर भी सवाल खड़े करते हुए पूछा कि ‘ कोवैक्सिन की इस चिट्ठी से साफ है कि केंद्र सरकार ही तय कर रही है कि कहाँ कितनी वैक्सीन जाएगी। लेकिन केंद्र सरकार को ये भी जिम्मेदारी लेनी चाहिए कि यदि वैक्सीन निर्यात नहीं की गई होती तो दिल्ली और मुंबई के हर व्यक्ति को दो डोज लग चुकी होती। अंत मे उपमुख्यमंत्री ने कहा कि मैं फिर कहूंगा कि वैक्सीन को लेकर केंद्र सरकार ने मिसमैनेजमेंट किया है जिसके चलते आज दिल्ली में ये हालात बने हैं कि हमे 17 स्कूलों में चल रही 100 वैक्सीन साइटों को बंद करना पड़ा है। 
वहीं इसके पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री  अरविंद केजरीवाल बीते दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर वैक्सीन के निर्माण में तेजी लाने के मांग कर चले हैं साथ उन्होंने वैक्सीन निर्माण का फार्मूला दो कम्पनियों से के अलावां दूसरी भी कम्पनियों को देने की बात कर चुके हैं। 
उल्लेखनीय है कि दिल्ली में कोरोना संक्रमण के नए मामलों में काफी कमी आई है लेकिन संक्रमण होने वाली मौतों का ग्राफ लगातार ऊपर बना हुआ है। दिल्ली सरकार की तरफ से मंगलवार को जारी किए गए आंकड़ों के हिसाब से बीते 24 घण्टे में राष्ट्रीय राजधानी में कोरोना संक्रमण के कारण 347 लोगों की मौत हुई, जबकि सोमवार को जारी किए आंकड़ों में 319 लोगों की मौत हुए थी। वहीं 12,481 नए मरीजों की पुष्टि हुई है और संक्रमण दर 17.76 प्रतिशत हो गई है। वहीं 13 हजार 583 लोग स्वस्थ होकर अपने घर गये।

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