कोलकाता, 10 मई (हि.स.)। विधानसभा चुनाव जीतकर तीसरी बार सत्ता में आई मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के मंत्रिमंडल में अल्पसंख्यक मंत्रियों की तादाद में कोई इजाफा नहीं हुआ है। पिछली बार की तरह इस बार भी ममता कैबिनेट में सात अल्पसंख्यक मंत्री शामिल किए गए हैं। हालांकि इस बार कैबिनेट मंत्रियों की तादाद में वृद्धि हुई है। पिछली बार कैबिनेट स्तर के अल्संपख्यक मंत्रियों की तादाद तीन थी, जो इस बार बढ़कर चार हो गई है। इसके अलावा एक स्वतंत्र प्रभार वाले राज्य मंत्री जबकि दो राज्यमंत्री बनाए गए हैं।
कैबिनेट स्तर के मंत्रियों में एक मौलाना भी शामिल हैं। पश्चिम बंगाल के इतिहास में यह पहला अवसर है जब किसी मौलाना को कैबिनेट स्तर का मंत्री बनाया गया है। कैबिनेट स्तर के अल्पसंख्यक मंत्रियों में फिरहाद हकीम, जावेद अहमद खान, गुलाम रब्बानी तथा मौलाना सिद्दीकुल्ला चौधरी शामिल हैं। इसके अलावा पश्चिम मेदिनीपुर जिले में भाजपा की हैवीवेट उम्मीदवार आईपीएस भारती घोष को मात देने वाले पूर्व आईपीएस हुमायूं कबीर को स्वतंत्र प्रभार वाला राज्य मंत्री बनाया गया है, जबकि आखरूज्जजमान एवं सबीना यास्मीन को राज्य मंत्री बनाया गया है।
उल्लेखनीय है कि सोमवार को ममता मंत्रिमंडल के 43 सदस्यों ने राजभवन में पद और गोपनीयता की शपथ ली है। विधानसभा चुनाव में तृणमूल को मिलने वाली 213 सीटों में से 43 सीटों पर अल्पसंख्यक उम्मीदवार विजयी रहे हैं।