अमेरिका ने भी माना कोवैक्सीन का दम, डबल म्यूटेंट पर भी असरदार

वाशिंगटन, 29 अप्रैल (हि.स.)। वैश्विक महामारी कोरोना को हारने में पूरी दुनिया में अलग अलग स्तर पर प्रयास जारी है। इस जंग में सबसे बड़े हथियार के रूप में कोविड वैक्सीन है। हर देश ने अपने स्तर पर वैक्सीन बनाने का प्रयास किया है, लेकिन भारत में निर्मित कोवैक्सीन ने दुनिया में अपना दम दिखा दिया है। कोवैक्सीन के दम को अमेरिका ने भी माना है यह डबल म्यूटेंट पर असरकारक है।

भारत के स्वदेशी टीके कोवैक्सीन को व्हाइट हाउस के मुख्य चिकित्सा सलाहकार डॉ. एंथनी फासी ने कहा है कि कोवैक्सीन कोरोना वायरस के बी.1.617 वैरिएंट को निष्प्रभावी करने में सक्षम है। इस वैरिएंट को इंडियन स्ट्रेन और डबल म्यूटेंट भी कहा जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में मिला यह वैरिएंट कम से कम 17 देशों में देखा जा चुका है।

फासी ने मंगलवार को कहा कि अभी हालात ऐसे हैं कि रोज नए आंकड़े सामने आ रहे हैं। फिलहाल नवीनतम आंकड़े बताते हैं कि कोवैक्सीन कोरोना के 617 वैरिएंट (डबल म्यूटेंट) को निष्प्रभावी करने में कारगर है। इसलिए भारत में हम जो मुश्किल हालात देख रहे हैं, उसके खिलाफ टीकाकरण सबसे अहम हथियार है।

न्यूयार्क टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि कोवैक्सीन इम्यून सिस्टम को कोरोना वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी बनाने में मदद करता है। ये एंटीबॉडी वायरस के स्पाइक प्रोटीन को निशाना बनाती हैं। कोवैक्सीन को हैदराबाद की भारत बायोटेक ने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के साथ मिलकर तैयार किया है। परीक्षण में इसे वायरस के खिलाफ 78 फीसद कारगर पाया गया है।

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