लखनउ, 25 अप्रैल, (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी ने राज्य निर्वाचन आयोग से त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव में दावत एवं सभाओं पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का अनुरोध किया है। कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए उन्होंने यह भी कहा है कि चुनाव प्रचार में एक साथ कहीं भी तीन से अधिक लोग एकत्रित न हों।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा है कि पंचायत चुनावों के दृष्टिगत कोविड प्रोटोकॉल को सख्ती से लागू कराया जाए। अनावश्यक भीड़ न हो। पंचायत पोलिंग पार्टियों को मास्क, ग्लव्स और सैनिटाइजर के साथ-साथ मेडिकल किट भी मुहैया करायी जाए। उन्होंने कहा कि कोविड-19 को लेकर कुछ लोग भय और दहशत का माहौल बनाने में लगे हैं। सोशल मीडिया पर एक जैसे संदेश अलग-अलग एकाउंट से प्रसारित किए जा रहे हैं। ऐसे लोगों को चिन्हित कर इनके खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाए।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि कोविड संक्रमण से होने वाली हर एक मृत्यु दुर्भाग्यपूर्ण है। राज्य सरकार सभी मृतकों के प्रति संवेदना प्रकट करती है। प्रत्येक जनपद में कोविड संक्रमित किसी मरीज के अंतिम संस्कार के लिए कोई शुल्क न लिया जाए। प्रशासन सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित कराए। इसे तत्काल प्रभाव से लागू किया जाय।
योगी ने कहा कि कोरोना संक्रमण के बीच चिकित्सा वैज्ञानिक दवाओं के नवीन विकल्पों की खोज में भी जुटे हुए हैं। जायडस कैडिला कम्पनी की एक नई दवा को भारत सरकार के ड्रग कंट्रोलर ने स्वीकृति दी है। इसे लखनऊ, प्रयागराज और वाराणसी जिलों के लिए उपलब्ध कराया जायेगा।
उन्होंने यह भी निर्देशित किया है कि हर जरूरतमंद प्रदेशवासी को मास्क, ग्लव्स व सैनिटाइजर उपलब्ध कराए जाने की जरूरत है। मास्क न लगाने वालों जिन लोगों का चालान किया जाए, उन्हें मास्क भी जरूर दें। इसके अलावा गरीब असहाय परिवारों को निःशुल्क मास्क उपलब्ध कराया जाए।
योगी ने बताया कि बीते तीन से चार दिनों के भीतर प्रदेश के विभिन्न जिलों में साढ़े 14 हजार से अधिक बेड बढ़ाये गए हैं। इसे और विस्तार किए जाने की जरूरत है। स्वास्थ्य विभाग और चिकित्सा शिक्षा विभाग इस दिशा में नवीन विकल्पों को तलाशें और बेड में बढ़ोतरी सुनिश्चित करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में एक भी मरीज को बेड का अभाव नहीं होना चाहिए। अगर सरकारी अस्पताल में बेड रिक्त नहीं हैं तो निजी चिकित्सालय में इलाज की सुविधा दी जाय। सरकार नियमानुसार उसका भुगतान करेगी। बेड के अभाव में इलाज से वंचित एक भी मरीज की पीड़ा असह्य है। ऐसी घटनाओं पर संबंधित जिलाधिकारी और मुख्य चिकित्सा अधिकारी की जवाबदेही तय की जाय।
योगी ने बताया कि सरकार के किसी भी डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल में रेमेडेसीवीर इंजेक्शन की कमी नहीं है। सरकारी अस्पतालों में मरीजों को यह निःशुल्क उपलब्ध कराई जा रही है। यदि किसी निजी अस्पताल में रेमेडेसीवीर की आवश्यकता है तो उसे अनुमन्य दरों पर मुहैया कराई जाएगी। उन्होंने रेमेडेसीवीर की मांग-आपूर्ति-वितरण व्यवस्था की समीक्षा की जाए। इस दवा के वितरण व्यवस्था को पारदर्शी ढंग से हो।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि टेस्ट, ट्रेस और ट्रीट के मंत्र को अमल में लाते हुए उत्तर प्रदेश प्रथम राज्य हैं, जिसने 03 करोड़ 97 लाख कोविड टेस्ट किया है। यह हमारी सतर्कता और प्रतिबद्धता का प्रमाण है। सभी प्रयोगशालाओं की क्षमता को दोगुनी किए जाने की जरूरत है। इस संबंध में वित्तीय व्यवस्था की जा चुकी है। टेस्ट क्षमता को दोगुनी करने की कार्यवाही प्राथमिकता के साथ किया जाए।
योगी ने कहा कि हमें यह ध्यान रखना होगा कि इस बार की कोविड लहर पिछली लहर की तुलना में 30 गुनी अधिक संक्रामक है। इसके लिए विशेष सतर्कता जरूरी है। परिवहन निगम की बसों को व्यापक स्तर पर सैनिटाइज कराया जाए। प्रदेशव्यापी स्वच्छता, सैनिटाइजेशन और फॉगिंग का कार्य सतत जारी रहे।