नई दिल्ली, 24 अप्रैल (हि.स)। राजधानी दिल्ली के रोहिणी स्थित जयपुर गोल्डन अस्पताल में घबराहट और बेचैनी का वातावरण है। मरीजों के परिजनों को कुछ समझ नहीं आ रहा है। यहां शुक्रवार-शनिवार की दरमियानी रात ऑक्सीजन की कमी से 20 लोगों की मृत्यु हो गई और कइयों की जान अभी अटकी हुई है। शनिवार सुबह अस्पताल ने इस बात की पुष्टि की।
जयपुर गोल्डन अस्पताल की तरफ से दी गई जानकारी के अनुसार उनके पास करीब आधे घंटे की ऑक्सीजन सप्लाई ही बची हुई है। अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर डॉक्टर दीप बलूजा ने मीडिया को बताया है कि अस्पताल में 200 मरीज हैं। इनमें से 80 ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं और 35 आईसीयू में भर्ती हैं। उन्होंने कहा कि हमलोग ऑक्सीजन का इंतजार कर रहे हैं।
अस्पताल ने बताया है कि पिछली रात ऑक्सीजन की कमी के कारण गंभीर रूप से बीमार 20 मरीज़ों की मौत हो गई। मरने वालों में अधिकतर मरीज कोरोना संक्रमित थे। वे सभी अस्पताल के क्रिटिकल केयर यूनिट (आईसीयू) में भर्ती थे। इन सभी मरीजों की मृत्यु ऑक्सीजन-प्रेशर के कमतर होने के कारण हुई।
डॉक्टर बलूजा ने जानकारी दी है कि हमने क्रिटिकल केयर यूनिट में उन सभी 20 मरीजों को खो दिया जो हाई ऑक्सीजन फ़्लो (ऑक्सीजन के तीव्र प्रवाह) पर थे।’
उन्होंने एक मीडिया समूह से बातचीत में कहा है कि शुक्रवार रात 10 बजे तक हमारे पास लिक्विड ऑक्सीजन का स्टॉक खत्म हो गया था, जिसके बाद हमने मेन गैस पाइपलाइन से लगे ऑक्सीजन सिलिंडरों का सहारा लिया, लेकिन वहां लो-प्रेशर की वजह से मरीजों की मौत हो गई।
घटना की खबर मिलने के बाद मरीजों के परिजन बेचैन हैं। वे इस बात को समझ नहीं पा रहे कि आखिर क्या हुआ। वे अस्पताल पर लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं।