मेरठ, 22 अप्रैल (हि.स.)। अब्दुल्लापुर सीएचसी में तैनात लैब टेक्नीशियन अंशुल की कोरोना से मौत से स्वास्थ्य कर्मचारियों में आक्रोश व्याप्त है। गुरुवार को संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने सीएमओ कार्यालय पर मृतक अंशुल को श्रद्धांजलि दी और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने अंशुल के परिवार को मुआवजा दिए जाने की मांग उठाई।
जागृति विहार निवासी अंशुल अब्दुल्लापुर सीएचसी में लैब टेक्नीशियन के पद पर तैनात था। कुछ दिनों पहले कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर अंशुल को मेरठ के मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। दो दिन पहले अंशुल ने अपना एक वीडियो भी बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल किया था। जिसमें उसने मेडिकल कॉलेज के स्टाफ पर अपने इलाज में लापरवाही बरतने और ऑक्सीजन उपलब्ध ना कराए जाने का आरोप लगाया था। इसी दौरान बुधवार को मेडिकल में भर्ती अंशुल की मौत हो गई। जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों में जबरदस्त आक्रोश है।
गुरुवार को मेरठ मंडल हेल्थ वर्कर एसोसिएशन के महामंत्री विजय कसाना के साथ संविदा स्वास्थ्यकर्मी सीएमओ कार्यालय पहुंचे। स्वास्थ्य कर्मचारियों ने सीएमओ कार्यालय परिसर में अंशुल की फोटो पर श्रद्धा सुमन अर्पित करके श्रद्धांजलि दी। उन्होंने अंशुल की मौत के लिए मेडिकल के स्टाफ को जिम्मेदार बताया। कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि मात्र 10 हजार रुपये महीने का वेतन देकर उनसे रात-दिन काम लिया जाता है। ड्यूटी में पांच मिनट लेट होने पर उन्हें अनुपस्थित दिखा दिया जाता है। वहीं उनके घर जाने का कोई समय निर्धारित नहीं है। स्वास्थ्य कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि अंशुल पिछले काफी समय से बीमार चल रहे थे।
उन्होंने अधिकारियों से अवकाश मांगा था। लेकिन उन्हें छुट्टी नहीं दी गई। जिससे अंशुल की हालत बिगड़ गई और अस्पताल में भी उन्हें इलाज ना मिलने के कारण अंशुल की मौत हो गई। कर्मचारियों ने अंशुल के परिवार को आर्थिक सहायता दिए जाने और उनकी पत्नी को नौकरी दिए जाने की मांग उठाई।
2021-04-22