मॉस्को 22 अप्रैल (हि.सं.)। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पश्चिमी देशों पर निशाना साधते हुए कहा कि रेड लाइन (खतरे के निशान) को लांघने पर हम करारा जवाब देंगे। राष्ट्र को वार्षिक संबोधन में पुतिन ने कहा कि हर बात के लिए रूस को आरोपी ठहराना बंद किया जाना चाहिए।
ज्ञात रहे कि अमेरिका और यूरोपीय देशों के साथ तल्खपूर्ण संबंधों के बीच रूस ने यूक्रेन की सीमा के पास रूस ने सैनिकों की तैनाती बढ़ा दी है। वहीं जेल में बंद विपक्षी नेता एलेक्सेई नवलनी के कारण भी रूस पर पश्चिमी देशों का हमला जारी है।
संसद के दोनों को संबोधित करते हुए पुतिन ने साफ किया कि रूस बाहरी चुनौतियों से निपटने में पूरी तरह से सक्षम है। उन्होंने कहा कि हम सभी के साथ अच्छे संबंध चाहते हैं। हम जोड़ने वाले पुलों को खत्म नहीं करना चाहते। लेकिन इसे हमारी कमजोरी न समझें। पुतिन ने कहा कि रूस ने हर मामले में अपनी सीमा रेखा तय कर रखी है।
78 मिनट के भाषण में पुतिन ने कोविड-19 महामारी और रूस की आर्थिक मुश्किलों पर भी विस्तार से चर्चा की लेकिन पुतिन का मुख्य रूप से जोर अमेरिका और यूरोपीय देशों के प्रति कड़ा रुख देखने को मिला।
पुतिन ने कहा कि कुछ देश हर समस्या के लिए रूस को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। लेकिन उनको इस तरह के खेल के लिए पछताना पड़ेगा।
वर्तमान में रूस के सहयोगी रहे यूक्रेन और चेक गणराज्य भी मौजूदा वक्त में रूस के खिलाफ खड़े हैं। दोनों ही देशों को यूरोप और अमेरिका का समर्थन हासिल है। पुतिन इसे अमेरिका और यूरोपी देशों द्वारा रूस को घेरने की नीति मान रहे हैं।