गाजियाबाद, 21 अप्रैल (हि. स.)। पिछले 32 सालों से प्रैक्टिस कर रहे होम्योपैथ डॉक्टर वीरेश्वर त्यागी का कहना है कि कोरोना महामारी को रोकने के लिए पिछले एक वर्ष से सरकार जो लगातार प्रयास कर रही है वह काफी है। इसलिये कोरोना की भयावह स्थिति के सरकार को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है, लेकिन वर्तमान में कोरोना की जो दूसरी लहर में जो कहर बढ़ रहा ह,ै उसके लिए कहीं ना कहीं आम जनता जिम्मेदार है।
सरकार ने कोरोनावायरस से बचने के लिए कई महीने तक लगातार लॉकडाउन लगाया, लेकिन देश की जनता ने इसे गंभीरता से नहीं लिया, जिसका नतीजा आज सामने है।
कोरोना की भयावह स्थिति पर बातचीत में डॉक्टर त्यागी ने कहा कि सरकार के पास सीमित संसाधन है, इसके बावजूद पिछले वर्ष सरकार ने जनता को कोरोना से बचाने के लिए कठोर कदम उठाए थे। महीने तक लगातार लॉकडाउन भी लगाया था। इसके बावजूद भी जनता की लापरवाही ने सरकार के पूरे किए कार्य पर पानी फेर दिया।
उनका कहना है कि सरकार को अब कठोर कदम उठाने चाहिए और खासतौर पर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को दिल्ली प्रदेश की तर्ज पर संपूर्ण लॉकडाउन नहीं, बल्कि कर्फ्यू लगाना चाहिए।
डॉक्टर त्यागी कहते हैं कि जनता को खुद भी अब समझ आ जाना चाहिए और गुमराही को छोड़कर सरकार द्वारा निर्धारित किए गए कोरोना नियम का खुद ही पालन करना चाहिए। जनता को मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग और सैनिटाइजर का उपयोग करने में कतई भी कोताही नहीं बरतनी चाहिए, वरना स्थिति आज काबू से बाहर हो चुकी है और ज्यादा बिगड़ सकती है।
डॉक्टर त्यागी कहते हैं कि श्मशान घाट पर जो हो रहा है, वह बेहद गम्भीर है। शवों के दाह संस्कार करने में कई-कई घंटों का समय लग रहा है। इसके लिए कोई और नहीं बल्कि गाजियाबाद विकास प्राधिकरण और नगर निगम जिम्मेदार है, क्योंकि गाजियाबाद में वर्तमान समय में केवल हिंडन नदी पर बनाए गए श्मशान घाट का ही इस्तेमाल किया जा रहा है, जबकि मकनपुर, मधुबन बापूधाम योजना, विजयनगर, मोरटा और शहर के अन्य भागों में श्मशान घाट स्थापित किए जाने चाहिए, ताकि जिस क्षेत्र के आदमी की मृत्यु हो उसे उसी क्षेत्र कि शमशान घाट पर ले जाकर उसका अंतिम संस्कार किया जा सके। इससे हिंडन मोक्ष स्थली पर दबाव कम होगा।
सब्जी मंडी भी इसी तरह अलग-अलग बननी चाहिए, क्योंकि सब्जी मंडियों में अक्षर पब्लिक रहती है। अलग-अलग सब्जी मंडी बनेंगी तो भीड़ का बंटवारा होगा।
एक सवाल के जवाब में डॉक्टर त्यागी ने कहा कि यूं तो कोरोना का कोई इलाज नहीं आया है। होम्योपैथी में सिम्टम्स के हिसाब से दवाई दी जाती है। इसलिए ब्रियोनिया 200 की डोज दिन में तीन बार इस्तेमाल किए जाने से कोरोना के खतरे को काफी कम किया जा सकता है।