कानपुर, 20 अप्रैल (हि.स.)। चैत्र नवरात्रि का आज आठवां दिन है। मां दुर्गा के आठवें स्वरूप आदि शक्ति महागौरी की जाती है। इसको लेकर सुबह से ही मन्दिरों में श्रद्धालुओं ने कोविड-19 के नियमों का पालन करते हुए बारी-बारी से दर्शन किए। भक्तों ने मां से इस महामारी से निजात दिलाने की कामना की। माता के भक्तों की आस्था को कोरोना रूपी दैत्य उनके विश्वास को छू भी नहीं पाया है।
तपेश्वरी मंदिर के पुजारी नरेश बताते है कि वैसे तो सभी दिन माता के ही होते हैं। लेकिन नवरात्रि के नौ दिनों में माता की अलग छवि रहती है। माता इन दिनों अपने भक्तों के घरों में कलश के रूप में विराजती है। वहीं भक्त की सच्ची श्रद्धा व सेवा भाव से प्रसन्न होकर उसकी सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करती है। चैत्र नवरात्रि का आज आठवें दिन महागौरी की उपासना का विधान है। इनकी शक्ति अमोघ और सद्यः फलदायिनी है। इनकी उपासना से भक्तों के सभी पाप धुल जाते हैं, पूर्वसंचित पाप भी विनष्ट हो जाते और भविष्य में पाप-संताप, दैन्य-दुःख उसके पास कभी नहीं जाते। वह भक्त सभी प्रकार से पवित्र और अक्षय पुण्यों का अधिकारी हो जाता है।
मां ने की थी कठोर तपस्या
ऐसी मान्यता है कि भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए देवी ने कठोर तपस्या की थी, जिससे उनका शरीर काला पड़ गया था। देवी की तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव इन्हें स्वीकार करते हैं और उनके शरीर को गंगा-जल से धोते हैं। तब देवी विद्युत के समान अत्यंत कांतिमान गौर वर्ण की हो जाती हैं, तभी से इनका नाम गौरी पड़ा। महागौरी रूप में देवी करूणामयी, स्नेहमयी, शांत और मृदुल दिखती