ग्वालियर, 20 अप्रैल (हि.स.)। कोरोना के बढ़ते संक्रमण और लॉकडाउन के चलते दिल्ली से मध्यप्रदेश के छतरपुर आ रही मजदूरों से भरी तेज रफ्तार बस पलट गई। हादसा ग्वालियर-झांसी राजमार्ग पर जौरासी घाटी के पास एक मोड़ पर सुबह करीब नौ बजे हुआ। दिल्ली में लॉकडाउन होने के बाद बस प्रवासी मजदूरों को लेकर मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ होते हुए छतरपुर जा रही थी। हादसे में तीन मजदूरों की मौके पर ही मौत हो गई और 15 लोग घायल हुए हैं। वहीं, बस में सवार कई यात्रियों ने खिड़कियों से कूदकर किसी तरह से अपनी जान बचाई है ।
इस संबंध में पुलिस एवं स्थानीय लोगों ने बताया कि घटना के बाद आसपास के गांव के लोगों ने पुलिस को सूचना दी। साथ ही बचाव के काम में जुट गए। पुलिस पहुंचती उससे पहले ही उन्होंने बस के कांच तोड़कर यात्रियों को बाहर निकालना शुरू कर दिया था। कुछ घायलों का मौके पर ही इलाज किया गया, जबकि कुछ को डबरा और कुछ को ग्वालियर भेजा गया है। सभी यात्रियों में आठ लोगों की हालत नाजुक बताई गई है। वहीं, कुछ देर बाद घटनास्थल पर क्रेन की मदद से बस को उठाकर उसके नीचे से शव निकाले गए। हादसे का कारण बस का ओवरलोड होना बताया जा रहा है।
यहां बस में सवार कुछ लोगों का कहना था कि बस की बैठक क्षमता 52 सीट की है, लेकिन घर जाने के लिए सभी को जल्दी रही यही कारण था कि बस में 100 से ज्यादा यात्री सवार थे। इन मजदूरों से दोगुना किराया भी वसूलना बताया गया। ग्वालियर जिले के पुलिस अधीक्षक अमित सांघी का कहना है कि मंगलवार सुबह करीब नौ बजे ग्वालियर-झांसी राजमार्ग के जौरासी घाटी मोड़ पर यात्रियों से भरी एक बस पलट गई। बस दिल्ली से प्रवासी मजदूरों को लेकर टीकमगढ़-छतरपुर जा रही थी। सभी घायलों को मेडिकल कॉलेज के जयारोग्य अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
इसके साथ ही अन्य यात्रियों को उनके घर तक पहुंचाने के लिए बसों की व्यवस्था की गयी है। हादसे के तुरंत बाद मध्य प्रदेश के अपर परिवहन आयुक्त अरविंद सक्सेना मौके पर पहुंच गए थे। उन्होंने बताया कि हादसे के बाद विभाग तुरंत कदम उठाया है और दिल्ली सहित अन्य राज्यों से कहा है कि लॉकडाउन के कारण जिन बसों से प्रवासी मजदूर घर वापस जा रहे हैं, उनकी जानकारी राज्यों को दी जाए ।
उल्लेखनीय है कि बस में छतरपुर और टीकमगढ़ जिलों के मजदूर सवार थे। यह मजदूर दिल्ली में मजदूरी करने गए थे, बीते दिनों कोरोना संक्रमण बढ़ने पर लॉकडाउन लगा, जिससे उन्हें आशंका थी कि वे कई माह तक यहां फंसे रह सकते है। इन स्थितियों में मजदूरों घरों क लौट रहे थे,तभी यह हादसा हो गया।
2021-04-20