शहरों में नहीं दिख रहा जन अनुशासन पखवाड़े का असर, सिर्फ दफ्तर-दुकानें बंद

जयपुर, 19 अप्रैल (हि.स.)। कोरोना महामारी के मरीजों में लगातार हो रही बढ़ोतरी के कारण गहलोत सरकार की ओर से वीकेंड कर्फ्यू खत्म होते ही लागू किए गए जन अनुशासन पखवाड़े का असर शहरी इलाकों में दिखाई नहीं दे रहा है। राजधानी जयपुर समेत प्रदेश भर में लगाए गए लॉकडाउन का असर हर शहर में अलग-अलग तरह का है। दुकानें और दफ्तर बंद हैं, लेकिन लोग सड़कों पर हैं। पुलिस कहीं सख्ती के साथ पेश आ रही है तो कहीं केवल आने-जाने वाले लोगों पर निगाह टिकाए हुए है। जहां पूछताछ हो रही है, वहां लोग अपने-अपने तरीके से जवाब दे रहे हैं। कोई वास्तविक कारण बता रहा है तो कोई तरह-तरह के बहाने बना रहा है। 15 दिन का लॉकडाउन यानी कर्फ्यू का असर दुकानें बंद होने से ही दिखाई दे रहा है।
राजधानी जयपुर में बाजार या अन्य रास्तों पर लोगों की आवाजाही बदस्तूर जारी है। रुटीन भीड़ कहीं नहीं दिखाई दे रही, लेकिन दुपहिया और चैपहिया वाहनों की कमी भी नहीं है। बाजारों में पुलिस का पहरा है। शराब की दुकानें खुली हैं। इसी वजह से लोग एक साथ ज्यादा मात्रा में खरीद कर ले जाते दिखाई दे रहे हैं। उनका कहना है कि कहीं लॉकडाउन में ये भी बंद कर दी तो पिछली बार की तरह दिक्कत हो सकती है। जोधपुर के बाजार में अधिकांश दुकानें बंद हैं, पर भीड़ पर नियंत्रण नहीं हो रहा है। बाहर निकले हर व्यक्ति के पास कोई न कोई बहाना है। सोमवार को कई व्यापारी अपनी दुकान पर पहुंच गए। ऐसे में पुलिस के लिए सभी को रोक पाना मुश्किल हो गया। 
कोटा में देर रात गाइडलाइन जारी होने से सुबह लोगों में असमंजस की स्थिति रही। शहर में कई इलाकों में लोगों की आवाजाही रही। खाने-पीने, मेडिकल सहित अन्य जरूरी सामानों की दुकानें खुली। कई लोग दुकान खोलने भी पहुंचे। वहीं कई लोग फल-सब्जी खरीदने के बहाने बाजार का माहौल जानने बाजारों में घूमते नजर आए। वीकेंड लॉकडाउन के मुकाबले शहर में सोमवार को ज्यादा भीड़ रही। बाड़मेर जिले में आधे से ज्यादा बाजार खुल गए। प्रशासन और पुलिस ने सख्ती दिखाते हुए बाजार बंद करवाए। कुछ कपड़ा व्यापारियों ने ग्राहकों को दुकान के अंदर लेकर बाहर से शटर लगा दिए। ऐसे में प्रशासन ने दुकानों को सीज भी किया और जुर्माना भी लगाया। सीकर में लॉकडाउन के पहले दिन पूरी तरह बंद रहा। केवल इक्का-दुक्का लोग ही सड़कों पर नजर आए। पूरा शहर बंद है। राशन और सब्जी की दुकानों पर भी लोग नहीं पहुंच रहे। प्रदेश के कमोबेश अन्य शहरों में भी ऐसे ही मिले-जुले हालात रहे। ग्रामीण क्षेत्रों में पुलिस की सख्ती नहीं होने से आमजन चिंतामुक्त होकर घूमता रहा।

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