– योगी बोले, हम जनता को मरने नहीं देंगे, बेड की शिकायत नहीं मिलनी चाहिए
लखनऊ, 12 अप्रैल (हि.स.)। उत्तर प्रदेश में कोरोना के बढ़ते संक्रमण को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिलों में अफसरों को काफी सख्त लहजे में चेताया है। उन्होंने सोमवार को यहां कहा कि अधिकारी गलतफहमी में न रहें, प्रदेश में लॉकडाउन नहीं लगेगा। हम जनता को मरने नहीं देंगे, बेड की शिकायत नहीं मिलनी चाहिए। पहले से पूरी तैयारी करें। आवश्यकतानुसार निजी हॉस्पिटलों और मेडिकल कॉलेजों का टेकओवर करें। उन्होंने जिलों में टेस्टिंग, ट्रेसिंग और ट्रीटमेंट पर जोर दिया।
मुख्यमंत्री योगी सोमवार को कोर टीम (टीम-11) के साथ समीक्षा बैठक में फुल एक्शन मोड में दिखे। इस दौरान उन्होंने सभी अफसरों को फील्ड में जाने के साथ ही अस्पतालों के निरीक्षण का भी निर्देश दिया। यह भी कहा कि जिलों में नाइट कर्फ्यू को सख्ती से लागू हो। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण के प्रभावी रोकथाम के लिए अधिकारी रणनीति से लेकर क्रियान्वयन को तरजीह दें। इस समय योगी का पूरा जोर कोरोना संक्रमण को और बढ़ने से पहले तैयारियों को लेकर है। उन्होंने इसे तस्दीक भी किया कि कोरोना के खिलाफ संघर्ष को पूरी तैयारी के साथ मजबूती से लड़ना होगा। इस संघर्ष में लापरवाही की कोई गुंजाइश नहीं है। पिछले वर्ष कोरोना संक्रमण को नियंत्रण करने में सफलता मिली है। उसी प्रकार से इस बार भी हम मजबूती से लड़ाई लड़ते हुए हम सफल होंगे। इसके लिए उन्होंने एल 2 और एल 3 के बेड्स पर्याप्त मात्रा में बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए उन्होंने निजी हॉस्पिटल और मेडिकल कॉलेज का टेकओवर करने के भी निर्देश दिए हैं।
निजी अस्पतालों व लैब में अधिक वसूली से नाराज हैं योगीमुख्यमंत्री योगी ने निजी अस्पतालों और लैब में निर्धारित दरों से अधिक वसूली पर नाराजगी जाहिर की और कार्यवाही के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि किसी की मजबूरी का फायदा नहीं उठाने दिया जाएगा। अधिकारी इसे सख्ती के साथ रोकें। गलत जानकारी देने पर कठोर कार्यवाही होगी। उन्होंने 108 एंबुलेंस सेवा को आधी कोविड, आधी बिना कोविड के लिए और एंबुलेंस का रेस्पांस टाईम 15 मिनट रखने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने पूरी लड़ाई का केंद्र बिंदु इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर को बनाने और उसकी एक-एक गतिविधि की निगरानी पर जोर दिया है।
निजी लैब्स भी हो सकती हैं टेकओवरकोविड जांच और उसकी रिपोर्ट में देरी पर मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि इस बारे में निजी लैब्स का भी सहयोग लिया जाए और जरूरी हो तो टेकओवर कर इसके बदले में पेमेंट किया जाए, लेकिन किसी सूरत में जांच रिपोर्ट में देरी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने लैब और टेस्टिंग की क्षमता के विस्तार पर जोर दिया है। आरटीपीसीआर की टेस्ट की क्षमता को 70 फीसदी तक पहुंचाने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने एक बार फिर जिलों में टेस्टिंग, ट्रेसिंग और ट्रीटमेंट पर ज्यादा जोर देने की बात कही।