डीआरडीओ आईजीआई के पास खोलेगा 500 बेड का कोविड अस्पताल

 पिछले साल भी आईजीआई के पास खोला गया था एक हजार बिस्तरों वाला अस्पताल
– ​सेना और अर्द्धसैनिक बलों की ओर से अस्पताल में 24 घंटे तैनात रहेगी डॉक्टरों की टीम 
नई दिल्ली, 12 अप्रैल (हि.स.)। राजधानी में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए ​रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) फिर से इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (आईजीआई) के पास अगले रविवार तक आईसीयू सुविधाओं से लैस ​500 बेड का कोविड अस्पताल खोलेगा। सेना के डॉक्टरों और कर्मचारियों के साथ पिछले साल कोरोनाकाल के दौरान एक हजार बिस्तरों वाला अस्पताल खोला गया था लेकिन इस साल कोविड केस कम होने पर फरवरी में बंद कर दिया गया था।
डीआरडीओ​ ने पिछले साल जुलाई में कोरोना के केसों में जबरदस्त बढ़ोतरी होने पर ​12 दिन के रिकॉर्ड समय में 1000 बिस्त​रों वाला सरदार वल्लभभाई पटेल​​ कोविड अस्पताल ​तैयार किया था​​। डीआरडीओ, गृह मंत्रालय, टाटा संस उद्योग और कई संगठनों के सहयोग से कोविड रोगियों के लिए ​तैयार किये गए अस्थायी अस्पताल ​में डब्ल्यूएचओ के दिशा-निर्देशों के अनुसार 250 से अधिक गहन देखभाल इकाइयांं​ ​(आईसीयू) ​उपलब्ध ​कराई गईं। अस्पताल मेंं डॉक्टरों, नर्सिंग अधिकारियों और पैरामेडिकल स्टाफ सहित सेना के 600 जवानों की टीम तैनात ​की गई। 
​अब फिर ​दिल्ली में अचानक कोरोना के केस बढ़ने पर लोगों की तत्काल आवश्यकता की पूर्ति के लिए ​​रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने ​आईजीआई के डोमेस्टिक टर्मिनल टी 1 के पास सरदार वल्लभभाई पटेल कोविड अस्पताल के नाम से ​500 बेड का अस्पताल ​खोलने का फैसला लिया​ है​​। ​डीआरडीओ पहले 7 दिनों में 250 बेड तैयार ​करेगा जिसमें ​​सेना और अर्द्धसैनिक बलों की ओर से डॉक्टर ​तैनात किए जाएंगे​​।​​​ ​जिला प्रशासन से रेफर किए जाने वाले कोविड-19 रोगियों का इलाज यहां किया जाएगा। यह अस्पताल​ पिछली बार की तरह कोविड रोगियों के लिए पूरी तरह से चिकित्सा ऑक्सीजन गैस, पीपीई किट, वेंटिलेटर, कोविड परीक्षण सुविधा और अन्य प्रयोगशाला परीक्षणों जैसी सुविधाओं से सुसज्जित ​होगा​। 
​​डीआरडीओ ​सूत्रों ने बताया कि अस्पताल का संचालन सशस्त्र बलों की चिकित्सा सेवाओं के डॉक्टरों, नर्सों और सहायक कर्मचारियों की टीम द्वारा किया जाएगा। ​​सभी सुविधाओं से​ लैस ​​अस्पताल ​में मरीजों ​को सेना के जवान​ और डॉक्टर अपनी सेवाएं 24 घंटे। डीआरडीओ ने कोविड के खिलाफ लड़ने के लिए अब तक 70 मेड इन इंडिया उत्पादों का निर्माण किया है। अगर जरूरत पड़ी तो ​​डीआरडीओ​ ​​हर महीने करीब 25,000 वेंटिलेटर का निर्माण कर​के उन्हें निर्यात करने के लिए भी तैयार है।