मेरठ, 09 अप्रैल (हि.स.)। पहले स्वास्थ्य अधिकारी लोगों को कोरोना वैक्सीन लगाने के लिए घर-घर से बुला रहे थे, तो अब लोग खुद ही टीकाकरण केंद्रों पर टीके लगवाने पहुंच रहे हैं। झिझक टूटने के साथ ही टीकाकरण की रफ्तार भी बढ़ गई है।
केंद्र सरकार ने पहले चरण में स्वास्थ्यकर्मियों और इसके बाद फ्रंटलाइन वर्कर्स को कोरोना वैक्सीन का टीका लगवाया। इसके बाद 45 साल से ऊपर के गंभीर बीमारियों से ग्रस्त व्यक्तियों और 60 साल से अधिक आयु के बुजुर्गों को टीकाकरण शुरू कराया गया। अब 45 वर्ष से अधिक आयु वाले सभी लोगों को टीका लगाया जा रहा है।
कोरोना संक्रमण बढ़ते ही उमड़ी लोगों की भीड़
जब 60 साल से अधिक आयु के बुजुर्गों और 45 साल से अधिक गंभीर बीमारी वाले लोगों को टीके लग रहे थे तो लोग वैक्सीन लगवाने से बच रहे थे। उस समय स्वास्थ्य अधिकारी घर-घर जाकर लोगों से टीके लगवाने की मिन्नत कर रहे थे, लेकिन लोग घरों से वैक्सीन लगवाने नहीं निकल रहे थे। जैसे ही कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ा तो लोग मजबूरी में टीकाकरण कराने स्वास्थ्य केंद्रों पर उमड़ रहे हैं।
75 प्रतिशत से ऊपर पहुंचा टीकाकरण
स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार, 85 सरकारी व निजी टीकाकरण केंद्रों में टीकाकरण की रफ्तार 75 प्रतिशत को पार कर गई है। जबकि 40 स्वास्थ्य केंद्रों पर टीके लगवाने वाले लोगों का प्रतिशत 80 से अधिक हो गया है। सीएमओ डाॅ. अखिलेश मोहन का कहना है कि जल्दी ही 100 फीसदी टीकाकरण होने लगेगा।
दूसरी डोज लगवाने से बच रहे थे लोग
अभी तक पहली डोज लगवाने के बाद फ्रंटलाइन वर्कर्स दूसरी कोरोना वैक्सीन की डोज लेने से बच रहे थे। इस कारण टीकाकरण का ग्राफ भी गिर रहा था। केंद्र और राज्य सरकार की सख्ती के बाद अब फ्रंटलाइन वर्कर्स भी दूसरी डोज लेने के लिए आगे आ रहे हैं।
गणमान्य लोगों के टीके लगवाने से पड़ रहा असर
हाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज लगवाई। इसी तरह से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना की पहली डोज लगवाई। साथ ही दूसरे केंद्रीय व राज्य सरकार के मंत्री, सांसद, विधायक भी कोरोना वैक्सीन लगवा रहे हैं। इससे भी लोगों का वैक्सीन को लेकर बना भ्रम टूट रहा है। दौराला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डाॅ. आशुतोष कुमार का कहना है कि अब कोरोना वैक्सीन लगवाने के लिए लोगों की संख्या बढ़ रही है। कई लोग तो टीकाकरण की जानकारी लेने भी आ रहे हैं।