सेना प्रमुख नरवणे बांग्लादेश यात्रा पर

– रक्षा सहयोग और द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना है मकसद 
– सेना प्रमुखों और बांग्लादेश के विदेश मंत्री  से भी बातचीत करेंगे 
नई दिल्ली, 08 अप्रैल (हि.स.)। सेना प्रमुख मनोज मुकुंद नरवणे गुरुवार सुबह बांग्लादेश की पांच दिवसीय यात्रा पर रवाना हुए। इस यात्रा का उद्देश्य भारत और बांग्लादेश के बीच रक्षा सहयोग और मजबूत द्विपक्षीय संबंधों को और बढ़ाना है। भारतीय सेना पहले से ही श्रीलंका, भूटान के साथ बांग्लादेश में चल रहे युद्धाभ्यास में हिस्सा ले रही है। 
सेना की ओर से आधिकारिक बयान में बताया गया है कि जनरल नरवणे अपनी यात्रा के दौरान बांग्लादेश की तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ बैठकों के अलावा बांग्लादेश के विदेश मंत्री के साथ भी बातचीत करेंगे। उनकी यह यात्रा दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सैन्य संबंधों को और अधिक गहरा करेगी। इसके अलावा रणनीतिक मुद्दों पर मेजबान बांग्लादेश के साथ करीबी समन्वय के लिहाज से भी यह यात्रा काफी महत्वपूर्ण साबित होगी। 
सेना प्रमुख नरवणे की यह यात्रा उस समय हो रही है, जब पाकिस्तान से 1971 के युद्ध में जीत पर भारत ‘स्वर्ण जयंती वर्ष’ मना रहा है। साथ ही आजादी के शानदार 50 वर्ष पूरे होने पर बांग्लादेश में वहां के ‘राष्ट्रपिता’ बंगबंधु शेख मुजीबुर्रहमान की जन्म शताब्दी पर बहुराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास ‘शांतिर ओग्रोशेना’ 4 अप्रैल से चल रहा है। 12 अप्रैल तक होने वाले इस सैन्य अभ्यास में भारतीय सेना की डोगरा रेजिमेंट भी हिस्सा लेने के लिए बांग्लादेश में मौजूद है। इसमें बांग्लादेशी सेना के साथ-साथ रॉयल भूटान आर्मी और श्रीलंकाई सेना भी भाग ले रही है। पूरे अभ्यास के दौरान अमेरिका, ब्रिटेन, तुर्की, सऊदी अरब, कुवैत और सिंगापुर के सैन्य पर्यवेक्षक भी उपस्थित रहेंगे। 
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पिछले माह दो दिवसीय यात्रा पर बांग्लादेश गए थे। वह 26 मार्च को बांग्लादेश के स्वतंत्रता दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए थे। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के साथ हुई द्विपक्षीय वार्ता में कई अहम मुद्दों पर समझौते भी हुए हैं। भारत और बांग्लादेश के बीच समुद्री क्षेत्र में मौजूदा रक्षा संबंधों को और मजबूत करने पर जोर देते हुए दोनों देशों के नौसेना अधिकारियों ने भी पिछले माह दिल्ली में तीन दिनों तक चर्चा की है। 25 मार्च को तीन दिवसीय बैठक के समापन पर अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा के साथ समन्वित गश्ती और जल सर्वेक्षण के संयुक्त सहयोग प्रयासों से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की गई। 

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