कोलकाता, 06 अप्रैल (हि.स.)। पश्चिम बंगाल में शायद ही कोई ऐसा चरण रहा हो जब वोटिंग की शुरुआत से पहले हिंसा नहीं हुई हो। मंगलवार को राज्य के दक्षिण 24 परगना, हावड़ा और हुगली की 31 विधानसभा सीटों पर सुबह 7:00 बजे से वोटिंग शुरू हो गई । उसके पहले राज्य के विभिन्न हिस्सों से छिटपुट हिंसा की खबरें भी आयी हैं।
दक्षिण 24 परगना के कैनिंग पूर्व इलाके में दुर्गापुर के 127 नंबर मतदान केंद्र के पास वाममोर्चा-कांग्रेस गठबंधन में शामिल आईएसएफ के कार्यकर्ताओं को मारने पीटने का आरोप सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस पर लगा है। आरोप है कि आईएसएफ के पोलिंग एजेंट को मतदान केंद्र में बैठने नहीं दिया गया, जिसकी वजह से बड़ी संख्या में कार्यकर्ता एकत्रित हो गए थे। दोनों ही दलों के कार्यकर्ताओं के बीच टकराव शुरू हो गया था। सूचना मिलने के बाद क्विक रिस्पांस टीम मौके पर पहुंची और दोनों ही पक्षों के लोगों को वहां से हटाया।
इसी तरह से सोमवार देर रात बासंती के हरदिया में 14 और 15 नंबर मतदान केंद्र के बाहर बम और गोलियां बरामद हुई हैं। मंगलवार सुबह के समय जब पुलिस की टीम मौके पर पहुंची तो घटनास्थल से बम और गोली की खोल बरामद की गई। इसके अलावा बासंती विधानसभा क्षेत्र के सोनाखाली इलाके से बड़ी संख्या में जिंदा बम भी बरामद किए गये। इन्हें पुलिस ने निष्क्रिय किया है।आरोप है कि सत्तारूढ़ पार्टी के लोगों ने मतदान वाले दिन मतदाताओं को डराने के लिए इसे एकत्रित किया था। बम मिलने के बाद क्षेत्र में तनाव है। संभावित संघर्ष को टालने के लिए पुलिस ने पूरे इलाके में गस्ती बढ़ा दी है।
उधर, जगतबल्लवपुर विधानसभा क्षेत्र के केशवपुर मल्लिकपाड़ा के 181 नंबर मतदान केंद्र पर भारतीय जनता पार्टी और आईएसएफ के एजेंट को मतदान केंद्र में बैठने से रोका गया। आरोप है कि इसका विरोध करने पर सत्तारूढ़ पार्टी के लोगों ने दोनों ही पार्टियों के कार्यकर्ताओं को मारा-पीटा है। इधर हावड़ा जिले के बागनान में 228 नंबर मतदान केंद्र के पास तृणमूल कांग्रेस के कैंप में तोड़फोड़ हुई है। इसका आरोप भारतीय जनता पार्टी के लोगों पर लगा है। इसके अलावा बागनान में ही तृणमूल कांग्रेस के बूथ अध्यक्ष योगीवर बाग को धारदार हथियार से घायल करने का आरोप भाजपा कार्यकर्ताओं पर लगा है। उन्हें उलूबेरिया महकमा अस्पताल में भर्ती किया गया है। इन घटनाओं पर भाजपा उम्मीदवार अनुपम मल्लिक ने दावा किया है कि तृणमूल की आपसी गुटबाजी की वजह से ही हमले हुए हैं।
2021-04-06