आरा, 05 अप्रैल (हि.स.)। बिहार में कोरोना के बढ़ते खतरे को देखते हुए स्कूल, कॉलेज और कोचिंग संस्थानों को 11 अप्रैल तक बन्द करने के सरकार के आदेश से सोमवार को छात्र भड़क उठे। सासाराम में इस आदेश के विरोध में भारी हंगामा, तोड़फोड़ और पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों पर पथराव किया। वहां पुलिस-पदाधिकारी एक कोचिंग संस्थान को जब बंद कराने गये तो छात्रों ने इसका भारी विरोध किया। उग्र छात्रों ने तोड़फोड़, आगजनी और पत्थरबाजी की ।कई गाड़ियों को क्षतिग्रस्त कर दिया। पुलिस ने कई छात्रों को हिरासत में ले लिया है। वहां तनाव अब भी बना हुआ है। कोरोना के बढ़ते खतरे के कारण राज्य सरकार ने राज्य में शिक्षा संस्थानों को 11 अप्रैल तक बंद कर दिया है ।इसके कारण भोजपुर, रोहतास,कैमूर और बक्सर के छात्रों को यह चिंता सताने लगी है कि आखिर पढ़ाई बाधित कर ही कोरोना के संक्रमण को रोकने की राह सरकार को आसान क्यों लग रही है। छात्रों का कहना है कि कोरोना के खतरे के बीच ही ट्रेन चलाई जा रही है, ट्रेनों की संख्या आये दिन बढ़ाई जा रही है।राजनीतिक कार्यक्रमों में बड़ी—बड़ी भीड़ जुटाई जा रही है और राजनीतिक कार्यक्रमों के आयोजन हो रहे हैं। विधानसभा के चुनाव हुए हैं और पंचायती चुनाव होने जा रहे हैं। बाजार और शॉपिंग मॉल में भीड़ अनियंत्रित है। ऐसे में स्कूल, कॉलेज और कोचिंग संस्थानों को बन्द कराना छात्रों के विरुद्ध एकतरफा कार्रवाई है। पढ़ाई बाधित होने और बर्बाद हो रहे कॅरियर से बौखलाए छात्रों ने सासाराम शहर के गौरक्षणि, पोस्ट ऑफिस और समाहरणालय तक खूब हंगामा और पुलिस पर पथराव किया । भोजपुर के आरा, बक्सर और कैमूर जिलों में भी छात्रों में जबरदस्त आक्रोश देखने को मिल रहा है। छात्र अपनी पढ़ाई को लेकर बेहद चिंतित हैं। उनका आरोप है कि कोविड-19 को लेकर सिर्फ स्कूल,कॉलेज और कोचिंग संस्थानों को ही क्यों बन्द किया जा रहा है। बाजार, शॉपिंग मॉल,रेलवे स्टेशन, सार्वजनिक समारोह,राजनीतिक कार्यक्रम , रैलियां और चुनाव क्यों नहीं रोके जा रहे।
2021-04-05