नई दिल्ली/गुवाहाटी, 22 फरवरी (हि.स)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज असम पहुंच रहे हैं। यहां वे कई विकास कार्यों का शिलान्यास करने वाले हैं, तो कुछ परियोजनाओं का उद्घाटन भी करेंगे। ऐसा कर वे अपना वचन पूरा करेंगे, जो करीब पांच साल पहले उन्होंने असम की जनता से किया था।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने असम की जनता से वादा किया था कि विकास कार्यों के लिए असम को कभी कोई कमी महसूस नहीं होने दी जाएगी। असम जितना दौड़ेगा, दिल्ली उससे एक कदम ज्यादा दौड़ने का हमेशा प्रयास करेगी। उन्होंने असम मंत्री परिषद के सदस्यों के शपथ ग्रहण समारोह में 24 मई, 2016 को यह बात कही थी।
इस संदर्भ में देखें तो प्रधानमंत्री की असम यात्रा भावुक कर देने वाली है। वे सोमवार को करीब साढ़े ग्यारह बजे असम के धेमाजी स्थित सिलापाथर में आयोजित एक कार्यक्रम में तेल व गैस क्षेत्र की महत्वपूर्ण परियोजनाएं राष्ट्र को समर्पित करेंगे। इसी दौरान एक इंजीनियरिंग कॉलेजों का उद्घाटन करेंगे, तो दूसरे का शिलान्यास करने वाले हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इंडियन ऑयल की बोंगाईगांव रिफाइनरी में इंडमैक्स इकाई, डिब्रूगढ़ के मधुबन में ऑयल इंडिया लिमिटेड के सेकेंडरी टैंक फार्म और तिनसुकिया के हेबड़ा गांव में एक गैस कंप्रेशर स्टेशन राष्ट्र को समर्पित करेंगे।
ये परियोजनाएं ऊर्जा सुरक्षा और समृद्धि के युग की शुरुआत करेंगी और स्थानीय युवाओं के लिए अवसरों के उज्ज्वल रास्ते खोलेंगी। सारी परियोजनाएं पूर्वी भारत के सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के प्रधानमंत्री के पूर्वोदय के दृष्टिकोण के अनुरूप हैं। इस अवसर पर असम के राज्यपाल, मुख्यमंत्री और केन्द्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री भी उपस्थित रहेंगे।
बोंगाईगांव रिफाइनरी में इंडमैक्स इकाई उच्चतर एलपीजी और उच्च-ऑक्टेन गैसोलीन का उत्पादन प्राप्त करने के लिए इंडियन ऑयल- अनुसंधान एवं विकास (आरएंडडी) द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित तकनीक का लाभ लेती है। यह इकाई रिफाइनरी की क्रूड प्रोसेसिंग क्षमता को 2.35 एमएमटीपीए (मिलियन मीट्रिक टन प्रति वर्ष) से बढ़ाकर 2.7 एमएमटीपीए कर देगी।
इस इकाई का परिचालन शुरू होने से एलपीजी का उत्पादन 50 टीएमटी (हजार मीट्रिक टन) से बढ़कर 257 टीएमटी और मोटर स्पिरिट (पेट्रोल) का उत्पादन 210 टीएमटी से बढ़कर 533 टीएमटी हो जाएगा।
वहीं ऑयल इंडिया लिमिटेड के सेकेंडरी टैंक फार्म का निर्माण क्रूड ऑयल के लगभग 40 हजार किलो लीटर के सुरक्षित भंडारण और वेट क्रूड ऑयल से फार्मेशन वाटर को अलग करने के लिए किया गया है। 490 करोड़ रुपये की लागत वाली इस परियोजना में प्रतिदिन 10 हजार किलो लीटर की क्षमता वाली निर्जलीकरण इकाई भी शामिल होगी।
तिनसुकिया के मकुम स्थित गैस कंप्रेशर स्टेशन देश के कच्चे तेल की उत्पादन क्षमता में प्रति वर्ष लगभग 16,500 मीट्रिक टन की वृद्धि करेगा। 132 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित इस स्टेशन में ती लो-प्रेशर बूस्टर कंप्रेशर और तीन हाई-प्रेशर लिफ्ट कंप्रेशर लगे हैं।
इसके अतिरिक्त प्रधानमंत्री धेमाजी इंजीनियरिंग कॉलेज का उद्घाटन करेंगे। यह कॉलेज 276 बीघा जमीन पर बनाया गया है, जिसकी लागत लगभग 45 करोड़ रुपये है। यह राज्य का सातवां सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज है। इसमें सिविल, मैकेनिकल और कंप्यूटर साइंस में बी-टेक की पढ़ाई होगी। वहीं प्रधानमंत्री सुआलकुची इंजीनियरिंग कॉलेज का शिलान्यास करेंगे। इस कॉलेज का निर्माण लगभग 55 करोड़ रुपये की लागत से 116 बीघा जमीन पर किया जाएगा।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 24 मई, 2016 को असम की जनता से जो वादा दिया था, उसे पूरा करने आ रहे हैं। तब उन्होंने कहा था कि विकास कार्यों के लिए असम को भी कभी कोई कमी महसूस नहीं होने दी जाएगी। असम जितना दौड़ेगा, असम सरकार जितना दौड़ेगी, दिल्ली उससे एक कदम ज्यादा दौड़ने का हमेशा प्रयास करेगी।
वह असम मंत्री परिषद के सदस्यों के शपथ ग्रहण समारोह की तारीख थी। उसी दिन प्रधानमंत्री ने असम की जनता को एक वचन दिया था। उन्होंने कहा था कि पूरे पूर्वोत्तर भारत का विकास सिर्फ हिन्दुस्तान को नहीं, बल्कि हमारे पूर्व के देशों में भी प्रभाव पैदा करने की ताकत रखता है। इसलिए संपूर्ण पूर्वोत्तर के विकास के लिए असम बहुत बड़ा केन्द्र बिन्दु है। उसको आगे बढ़ाने की दिशा में केन्द्र और राज्य मिलकर काम करेंगे। इस बात का मैं आपको विश्वास दिलाता हूं।