नई दिल्ली, 29 जनवरी (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को संसद के बजट सत्र की शुरुआत से पूर्व कहा कि इस दशक का लोगों की आशा-आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए इस्तेमाल होना चाहिए। सरकार इन्हें पूरा करने में पीछे नहीं रहेगी और जनप्रतिनिधि इसे ध्यान में रखते हुए चर्चा में भाग लें।
प्रधानमंत्री ने बजट सत्र से पूर्व पत्रकारों से बातचीत में कहा कि इस दशक का लोगों की आशा-आकांक्षाओं को पूरा करने में उपयोग किया जाना चाहिए। इसे ध्यान में रखते हुए बजट सत्र में आने वाले वर्षों में हमें क्या-क्या कर सकते हैं इस पर ध्यान रखते हुए चर्चा होनी चाहिए। उनका मानना है कि जनप्रतिनिधि लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने में अपना योगदान देने में पीछे नहीं रहेंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के उज्ज्वल भविष्य के लिए यह दशक (वर्ष 2021-2030) बहुत महत्वपूर्ण है। स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा देखे गए सपनों को पूरा करने के लिए राष्ट्र के सामने एक सुनहरा अवसर आया है।
उन्होंने कहा, “इस दशक का भरपूर उपयोग हो और इसलिए इस सत्र में इस पूरे दशक को ध्यान में रखते हुए चर्चाएँ हो और सभी प्रकार के विचारों की प्रस्तुति हो और उत्तम मंथन से उत्तम अमृत प्राप्त हों, ये देश की अपेक्षाएं हैं।”
कोरोना काल का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री कहा कि भारत के इतिहास में पहली बार वित्त मंत्री को 2020 में विभिन्न पैकेजों के रूप में 4-5 मिनी बजट पेश करने पड़े। उनका मानना है कि इस बजट को उन 4-5 मिनी बजटों के हिस्से के रूप में देखा जाएगा।
उल्लेखनीय है कि आज से संसद के बजट सत्र की शुरुआत होने जा रही है। सुबह 11 बजे से राष्ट्रपति का अभिभाष होगा। राष्ट्रपति के अभिभाषण के आधे घंटे बाद लोकसभा की कार्यवाही होगी शुरू होगी। आर्थिक सर्वे भी सदन के पटल पर रखा जाएगा। राज्यसभा की बैठक दोपहर 3 बजे शुरू होगी।