सीडीएस ने देखा भारत-फ्रांस का युद्धाभ्यास

  • जनरल रावत ने फ्रांसीसी अधिकारियों से मिलकर युद्धाभ्यास में मिले अनुभवों को जाना
  • फ्रांसीसी मेजर जनरल लॉरेंट लेर्बेट के साथ फ्रेंच एमआरटीटी ​एयर क्राफ्ट में भरी उड़ान
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    नई दिल्ली, 21 जनवरी (हि.स.)​​।​​ जोधपुर एयरबेस पर भारतीय वायुसेना और ​फ्रांसीसी वायु और अंतरिक्ष बल के बीच ​चल रहे ​द्विपक्षीय​​ युद्धाभ्यास को देखने गुरुवार को सैन्य बलों के प्रमुख सीडीएस बिपिन रावत पहुंचे​​​।​​ ​सीडीएस ने ​द्विपक्षीय वायु अभ्यास​ देखने के बाद दोनों देशों के अधिकारियों के साथ एक बैठक भी की​।​​ जनरल रावत ​ने ​दोनों सेनाओं के बीच​ युद्धाभ्यास के दौरान हासिल ​किये गए ​ ​तालमेल और ​अंतर संचालन ​​की सराहना की​​​​।​​

​​जनरल बिपिन रावत सीडीएस ने ​आज ​जोधपुर वायु सेना स्टेशन का दौरा किया​​।​​ भारतीय वायु सेना और ​​फ्रांसीसी वायु और अंतरिक्ष बल के बीच ​​चल रहे तीन दिवसीय द्विपक्षीय वायु अभ्यास देखा​​। ​​सीडीएस ने भी दोनों प्रतियोगियों के साथ बातचीत की और ​युद्धाभ्यास के दौरान एक-दूसरे को मिले अनुभवों के बारे में जानकारी हासिल की​।​​ ​फ्रेंच अधिकारियों ने भारतीय वायुसेना के साथ किये जा रहे अभ्यास को नया अनुभव बताते हुए एक-दूसरे से युद्ध कौशल ​सीखने और समझने पर जोर दिया​। सीडीएस ने भी दोनों सेनाओं के बीच हासिल की गई सिनर्जी और इंटरऑपरेबिलिटी की सराहना की।​ जनरल रावत ने ​​आर्मी डी लैयर के ​​मेजर जनरल लॉरेंट लेर्बेट के साथ फ्रेंच एमआरटीटी ​एयर क्राफ्ट पर उड़ान भरी। सीडीएस ने दोनों ​देशों के ​​साथ बातचीत ​करने के बाद कहा कि वह ​इंडो-फ्रेंच को ​एक साथ ​देखने के ​लिए पहले से ​काफी ​उत्साहित थे।​

भारतीय वायुसेना में शामिल होने के बाद पहली बार राफेल फाइटर जेट किसी युद्धाभ्यास का हिस्सा बन रहा है।राजस्थान के जोधपुर ​एयर बेस पर 24 जनवरी तक चलने वाले एक्स-डेजर्ट नाइट-21 के लिए भारतीय वायुसेना फ्रांसीसी वायु और अंतरिक्ष बल की मेजबानी कर रही है। फ्रांस से राफेल विमान मिलने के बाद भारतीय वायुसेना का यह पहला बड़ा युद्धाभ्यास ​है​। ​फ्रांसीसी सेना वर्तमान में ‘स्काईरॉस मिशन’ के रूप में एशिया में तैनात हैं और इस अभ्यास को पूरा करने के बाद अपने देश लौटेंगी। इस अभ्यास का उद्देश्य दोनों देशों की वायुसेनाओं के बीच परिचालन और युद्ध क्षमता बढ़ाने की दिशा में सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करना है। दोनों सेनाएं लड़ाकू, परिवहन और टैंकर विमानों के साथ भाग ​लेने जोधपुर पहुंचीं हैं​। इस अभ्यास के माध्यम से ​दोनों देश की वायु सेनाएं आगे की बातचीत के लिए उपलब्ध अवसरों का उपयोग करके आपसी सहयोग बढ़ाने को तत्पर हैं। ​

भारतीय वायु सेना ​इस एक्स-डेजर्ट नाइट 21 में ​आईएल​-78 विमान​, राफेल, मिराज-2000 और सुखोई-30 के ​अलावा ​हवाई चेतावनी और नियंत्रण प्रणाली ​अवाक्स के साथ इस युद्धाभ्यास में भाग ले रही है।​ ​फ्रांसीसी पक्ष ​भी ​राफेल, एयरबस ​ए-330 मल्टी-रोल टैंकर ट्रांसपोर्ट (​एमआरटीटी), ​ए-400​एम टैक्टिकल ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट ​और लगभग 175 फ्रांसीसी कर्मियों ​के साथ अभ्यास का हिस्सा ​बना है​।​ फ्रांस के साथ यह कवायद उस समय हो रही है जब भारतीय वायुसेना ​ने ​​पूर्वी लद्दाख में चीन सीमा ​पर गतिरोध के मद्देनजर ​​अपने सभी सीमावर्ती ठिकानों को​ ऑपरेशनल मोड में हाई अलर्ट पर रखा है।​​​​ भारतीय वायुसेना ने एक बयान में कहा​ है कि ​यह अभ्यास अद्वितीय है क्योंकि ​यह ​दोनों देशों की वायु सेनाओं के बीच बढ़ती बातचीत का संकेत है।​​

​वैसे तो भारत और फ्रांस की वायुसेना एक दशक से भी अधिक लंबे समय से ‘गरुड़ युद्धाभ्यास’ करती हैं लेकिन यह ​युद्धाभ्यास इससे अलग ​है​। फ्रांसीसी वायुसेना ने आखिरी बार भारतीय वायुसेना के साथ जुलाई, 2019 में ​​​​युद्धाभ्यास किया था। इसमें फ्रांस के राफेल विमान और भारत की ओर से सुखोई विमान शामिल हुए थे। अब भारत के पास भी लड़ाकू राफेल आ चुके हैं, इसलिए यह पहला मौका है जब भारत के राफेल फ्रांस के राफेल के साथ ‘हवाई युद्ध’ का अभ्यास कर​ रहे हैं​।

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