अगरतला, 14 जनवरी (हि.स.)। कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शन की एक कड़ी के रूप में अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति (एआईकेएससीसी) ने गुरुवार को तीनों नये कृषि कानूनों की प्रतियां जलाकर अपना विरोध दर्ज कराया। प्रदर्शनकारियों ने राजधानी में पेरेडाइस चौमुहानी के सामने एक अलाव में कानून की प्रतियों को डालकर जला दिया।
इस विषय पर मीडिया के साथ बात करते हुए सीपीआईएम नेता और एआईकेएससीसी के राज्य महासचिव पबित्र कर ने कहा कि हम तीनों कानूनों की प्रतियों को जलाकर यहां अगरतला में मकर संक्रांति मना रहे हैं। उनका कहना है यह एआईकेएससीसी और अन्य किसान संगठनों द्वारा आयोजित अखिल भारतीय विरोध का एक हिस्सा है। इसी विरोध के मद्देनजर देश भर के किसानों द्वारा कृषि कानून की एक हजार प्रतियां आग लगा कर जला दी गई हैं।
उन्होंने कहा, किसान दिल्ली की सीमा में विरोध कर रहे हैं क्योंकि, सरकार ने उन्हें राजधानी में प्रवेश करने से रोक दिया है। अब तक सीमा पर 70 से अधिक किसानों की विरोध प्रदर्शन करते हुए मौत हुई है। पबित्र कर ने दावा किया सुप्रीम कोर्ट कृषि कानून पर रोक लगाया है। लेकिन, किसानों ने फैसला किया है कि कानून वापस लेने के बाद ही विरोध रुकेगा। उन्होंने कहा किसानों के 500 से अधिक संगठन कानूनों का विरोध कर रहे हैं। 26 जनवरी को परेड के बाद किसान अपने ट्रैक्टरों के साथ परेड करेंगे।
गौरतलब है संसद द्वारा पारित किए गए तीन विधेयकों में शामिल हैं- किसान उत्पादन व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) विधेयक, 2020, मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा विधेयक, 2020 के किसान (सशक्तीकरण और संरक्षण) करार और आवश्यक वस्तुएं (संशोधन) बिल 2020।