कोलकाता, 12 जनवरी (हि.स.)। कोरोना महामारी के खिलाफ टीकाकरण के जरिये आखिरी जंग की तैयारी पूरे देश के साथ पश्चिम बंगाल में भी पूरी हो चुकी है। राज्य स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों ने बताया कि आज यानी मंगलवार को केंद्र सरकार की ओर से भेजी गई वैक्सीन की पहली खेप कोलकाता पहुंच जाएगी। पूरे देश में चार जगहों पर सेंट्रल स्टोरेज बनाए गए हैं जिनमें एक कोलकाता में है। इसके अलावा मुंबई, चेन्नई और करनाल में भी इसी तरह से सेंट्रल स्टोरेज बने हैं।
पूरे देश के साथ पश्चिम बंगाल में भी सबसे पहले स्वास्थ्य कर्मियों को टीका लगाया जाना है। राज्य में ऐसे कर्मचारियों की संख्या छह लाख सूचीबद्ध की गई है। पश्चिम बंगाल सरकार ने केंद्र सरकार की ओर से तैयार “वैक्सीन डाटाबेस रिकॉर्ड” के लिए मोबाइल एप्लीकेशन “को-विन” पर स्वास्थ्य कर्मियों की सूची अपलोड कर दी है। प्रत्येक स्वास्थ्य कर्मी को टीके की दो डोज दी जाएगी। इसलिए पहले चरण में कम से कम 12 लाख वैक्सीन की जरूरत पश्चिम बंगाल में पड़ेगी।
फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि मंगलवार को पश्चिम बंगाल में कितना वैक्सीन पहुंचाई जाएगी लेकिन स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों ने उम्मीद जताई है कि 70 से 80 लाख वैक्सीन की पहली खेप मंगलवार दोपहर कोलकाता पहुंच सकती है। इसकी वजह है कि पश्चिम बंगाल के अलावा आसपास के राज्यों में थी वैक्सीन की खुराक कोलकाता से ही भेजी जाएगी।
दोपहर 2:30 बजे के करीब विशेष विमान से वैक्सीन को लाया जाना है। दमदम हवाई अड्डे से इसे सीधे बागबाजार में बने सेंट्रल लैब में लाया जाएगा, जहां एक विशेष तापमान पर इसे संरक्षित किया जाना है। पूरे देश के साथ पश्चिम बंगाल में भी केंद्र सरकार के निर्देशानुसार 16 जनवरी से टीकाकरण की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। राज्य के प्रत्येक जिले में कम से कम तीन अस्पतालों में वैक्सीनेशन की प्रक्रिया शुरू होगी जिसकी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।
एक दिन पहले ही मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने घोषणा की है कि पश्चिम बंगाल सरकार भी देश के बाकी राज्यों की तरह टीकाकरण के लिए पूरी तरह से तैयार है। उल्लेखनीय है कि एकदिन पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ टीकाकरण को लेकर समन्वय बैठक की है जिसमें सभी ने एकजुटता जताई है।
एक अरब 30 करोड़ की विशाल आबादी वाले देश में सीमित संसाधनों के बावजूद समुचित तरीके से टीकाकरण अभियान पूरा करना देश के सामने बड़ी चुनौती है। ऐसे में केंद्र सरकार के साथ राज्यों का बेहतर तालमेल ही इस लक्ष्य को पूरा करने में मददगार साबित होगा।