त्रिपुरा : हाई कोर्ट ने दिया 17 मई तक एडीसी चुनाव पूरा करने का निर्देश

अगरतला, 12 जनवरी (हि.स.)। हाई कोर्ट ने आदेश दिया कि त्रिपुरा में एडीसी चुनाव 17 मई तक पूरा कर लिए जाएं। मुख्य न्यायाधीश अकिल कुरैशी और न्यायमूर्ति एसजी चटर्जी की खंडपीठ ने आज यह आदेश दिया है।


इस मामले में आज अंतिम सुनवाई हुई। वादी के वकील मिंटू देब बर्मा ने कहा कि राज्य चुनाव आयोग ने मामले में हलफनामा दिया है। नई मतदाता सूची 15 जनवरी तक प्रकाशित की जाएगी। नतीजतन, चुनाव पूरा होने में कोई बाधा नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मुख्य न्यायाधीश अकिल कुरैशी और न्यायमूर्ति एसजी चट्टोपाध्याय की खंडपीठ ने निर्देश दिया था कि सभी चुनावी प्रक्रियाओं को पूरा करने के बाद 17 मई तक एक नई परिषद का गठन किया जाए। सरकारी वकील देबालय भट्टाचार्य के अनुसार, अदालत ने निर्देश दिया है कि चुनाव जल्द से जल्द हों। उस स्थिति में चुनाव मई तक पूरा होना चाहिए। क्योंकि एडीसी का कार्यकाल 17 मई, 2019 तक था। 

कोरोना के प्रकोप के कारण त्रिपुरा में एडीसी चुनाव को स्थगित कर दिया गया था। वर्तमान में एडीसी का परिचालन दायित्व राज्यपाल को सौंप दिए गए हैं। एडीसी का दायित्व शुरू में 6 महीने के लिए राज्यपाल को दिया गया था। राज्यपाल ने एडीसी प्रशासन का प्रबंधन करने के लिए एक प्रशासक नियुक्त किया। हाल ही में उस छह महीने के कार्यकाल की समाप्ति के बाद राज्यपाल ने कोरोना की स्थिति को देखते हुए और छह महीने के लिए अवधि बढ़ा दी थी।


उल्लेखनीय है कि त्रिपुरा में एडीसी चुनावों में देरी के कारण उच्च न्यायालय में दो मामले दर्ज हुए थे। अदालत ने दोनों मामलों को जोड़ दिया और अगली सुनवाई के लिए 06 जनवरी की तारीख तय की थी। मुख्य न्यायाधीश अकिल कुरैशी और न्यायमूर्ति एसजी चट्टोपाध्याय की अध्यक्षता वाली उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने मामले में त्रिपुरा सरकार को नोटिस जारी किया था। लेकिन 06 जनवरी को त्रिपुरा में नवनियुक्त महाधिवक्ता ने अदालत से कुछ समय मांगा। अदालत ने उनकी याचिका भी स्वीकार कर ली और अगली सुनवाई के लिए 12 जनवरी की तारीख तय की थी।

गत 03 दिसम्बर को एडीसी चुनावों में देरी के खिलाफ त्रिपुरा पीपुल्स फ्रंट ने उच्च न्यायालय में एक रिट याचिका दायर की थी। फिर एक और मामला उच्च न्यायालय में दायर किया गया। यह मामला अपु देववर्मा ने दर्ज कराया। इस संबंध में सरकारी वकील प्रद्युत धर ने कहा था कि अदालत ने अपु देववर्मा के मामले को त्रिपुरा पीपुल्स फ्रंट द्वारा दायर मामले के साथ जोड़ दिया है। साथ ही त्रिपुरा हाईकोर्ट को नोटिस जारी किया गया है।

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