कोलकाता, 24 दिसम्बर (हि. स.)। कोरोना संकट के बीच आस्था के महापर्व गंगासागर पर इसका असर न पड़े, इसके लिए सरकार द्वारा विशेष तैयारी की गयी है। इस बार गंगासागर में आईटी (इंफोरमेशन टेकनोलोजी) मददगार बनने वाला है। इस वर्ष गंगासागर मेला के आयोजन में आईटी का मुख्य योगदान रहेगा और इसी के सहारे सरकार पूरे आयोजन को अंतिम रूप देगी। गुरुवार को गंगासागर मेला को लेकर दक्षिण 24 परगना के जिलाधिकारी डॉ. पी. उल्गानाथन ने एक पत्रकार सम्मेलन को संबोधित कर सभी विशेष जानकारी दी। इस दौरान एडीएम (एलए) सियाद एन, एडीएम (डेवेलपमेंट) शंख सांतरा, डीआईएसओ लिपिका बनर्जी, डीएनओ एनआरईजीए सौरभ चटर्जी, ओसी आईटी समिक घोष व अन्य उपस्थित थे। पिल्ग्रीम ट्रांस्पोर्ट मैनेजमेंट सिस्टम (पीटीएमएस) के तहत सरकार गंगासागर मेला में आने वाले पुण्यार्थियों की पल-पल की खबर रख सकेगी।
जिलाधिकारी ने बताया कि पीटीएमएस के तहत किसी भी समय आपातकाल या आपदा के दौरान भीड़ के मूल्यांकन व प्रबंधन में सुविधा होगी। सभी सरकारी वाहनों पर जीपीएस ट्रैकर लगाए जाएंगे ताकी उन वाहनों के प्रवाह पर करीब से नजर रखी जा सके। ऐसे में किसी भी इलाके में जाम की स्थिति उतपन्न नहीं होगी। इसके अलावा जीपीएस के जरिए नदी में नेविगेशन चैनलों पर वंसल के संचालन में कई दिकतों से निजात मिलेगी। इसके साथ ही पीटीएमएस के जरिए कोई दुर्घटना के संबंध में प्रशासन को तुरंत सूचना प्राप्त होगी। इसके जरिए पुलिस को कोविड अलर्ट भी मिलेगी जिस्से यह पता लगाया जा सकेगा कि किसी इलाके में कोरोना मानदंड का पालन हो रहा है या नहीं। जहाजों में यूनीक आईडी नंबर के साथ जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम होगा, जिसके माध्यम से ऑपरेटर को किसी जहाज के प्रस्थान/आगमन की जानकारी मिलेगी। प्रस्थान के समय और मार्ग की गणना के आधार पर यह प्रणाली नदी पर एक जहाज के आगमन के समय का संकेत देगी। यह सिस्टम ट्रैफिक का संकेत देगा जिस आधार पर विशिष्ट जेट्टी की पार्किंग का प्रबंध होगा। यह किसी विशिष्ट क्षेत्र/जेटी पर अतिरिक्त भार के बारे में भी पता करेगा। भीड़ की स्थिति को कम करने के लिए प्रशासन तुरंत एक अलग जेट्टी की ओर वेसल को मोड़ सकता है। ट्रैकिंग और स्टॉक लेने के लिए कचूबेरिया से गंगासागर और वापस से सभी बसों को जीपीएस के माध्यम से जोड़ा जाएगा। यह ड्राइवरों और उनके स्थान और यात्रियों की संख्या सहित प्रत्येक बस के अन्य विवरणों की जानकारी भी प्रदान करेगा। नियंत्रण प्रणाली आवश्यकतानुसार उनके आवंटन के लिए खाली बसों की संख्या को और बढ़ाया जाएगा। अतिथि पथ नाम के मोबाइल ऐप के तहत गंगासागर पहुंचने वाले पुण्यार्थियों को मेला 2021 की सभी जानकारी मिल सकेगी। इसमें रूट चार्ट, ज्वार-भाटा का समय, वेसल व पूजा की सभी जानकारी होगी। निरीक्षण सीसीटीवी गिगरानी के तहत पूरे मेला प्रांगण में एक हजार से अधिक कैमरे लगाए जाएंगे। पांच कंट्रोल रूम की स्थापना होगी जहां से मेला प्रांगण पर नजर रखी जाएगी। परिचय के तहत वृद्ध व बच्चों को एक क्यूआर कोड युक्त बैंड दिया जाएगा। इससे उनके लोकेशन के बारे में जानकारी प्राप्त की जा सकेगी। ऐसे में अगर कोई अपने परिवार से अलग हो जाए तो उसे ढूंढने में आसानी होगी। इस वर्ष ई-दर्शन के लिए प्रशासन अमूमन सभी सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म पर लाइव करेगी ताकी कोविड के कारण गंगासागर मेला तक आने में असमर्थ पुण्यार्थी भी दर्शन कर सकें। पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी ई-स्नान की व्यवस्था होगी। जिलाधिकारी ने बताया कि इस वर्ष ई-स्नान की बुकिंग के महज तीन दिनों के अंदर गंगासागर संगम जल लोगाेंं के घरों तक पहुंचा दिया जाएगा।