त्रिपुरा में अगरवुड के माध्यम से एक वैकल्पिक अर्थव्यवस्था चाहते हैं मुख्यमंत्री

अगरतला, 28 दिसम्बर (हि.स.)। अगर का पेड़ बहुत महंगा होता है और इसकी मांग भी बहुत है। इसलिए मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देव चाहते हैं कि त्रिपुरा में अगरवुड के माध्यम से एक वैकल्पिक अर्थव्यवस्था हो। वे सोमवार को उत्तरी त्रिपुरा के तिलथाई में एक नवनिर्मित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के उद्घाटन समारोह में लोगों को उत्साहित करने के उद्देश्य कहा कि अगरवुड के पेड़ लगाकर आत्मनिर्भर बनिए। उन्होंने कहा कि 20-बिस्तर वाला यह स्वास्थ्य केंद्र स्थानीय लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होंने स्वस्थ्य केंद्र की बुनियादी ढांचे का दौरा किया और डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों से बात की।

मुख्यमंत्री ने सोमवार को युवनगर-देवचरा मार्ग पर ज्यूरी नदी पर नवनिर्मित “अटल पुल” का उद्घाटन किया। मुख्मंत्री का मानना है कि इस पुल से युवराज नगर के लोगों को बहुत फायदा होगा। इस बीच, मुख्यमंत्री ने गोरखनाथ की दर्शन की और त्रिपुरबासियों का मंगल कामना की। इसके अलावा उन्होंने बाबा पुष्करनाथजी के योग आश्रम में हरि ओम कीर्तन में भाग लिया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि त्रिपुरा के सभी लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए राज्य सरकार कटिबद्ध है। उन्होंने दावा किया स्वास्थ्य सेवाओं को समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाया जाए राज्य सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए काम कर रही है। उन्होंने साफ लहजे में कहा, त्रिपुरा सरकार स्वास्थ्य, कृषि, रोजगार के सभी क्षेत्रों में एक अलग दिशा में बढ़ रही है। उन्होंने दावा किया कि पहले त्रिपुरा में किसान क्रेडिट कार्ड के बारे में कोई नहीं जानते थे। लेकिन, अब सभी लोग इससे अवगत हैं। पहले सरकार खेत मजदूरों के नाम पर चलती थी लेकिन पिछली सरकार ने उनके लिए कुछ नहीं किया। केवल आंदोलन के नाम पर लंबी लाइन बनाई है, मुख्यमंत्री ने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा।

उन्होंने कहा कि कम्युनिस्ट अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किसानों के खातों में सीधे पैसे देने के तरीके से डर गए है। क्योंकि, कमीशन खाने का दिन खत्म हो चुका है। अब आपको त्रिपुरा में काम करके खाना है। कमीशन की राजनीति नहीं चलेगी। उनके अनुसार, एक तरफ किसानों के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना लागू की गई है और दूसरी तरफ मुख्यमंत्री फसल बीमा योजना भी लागू की गई है। संकर फसलों के लिए 1252 हेक्टेयर जमीन पर खेती की जा रहा है। बीज अगले दो वर्षों के भीतर पूरे पूर्वोत्तर में वितरित किए जाएंगे।

उन्होंने फिर से सभी को आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि त्रिपुरा सरकार कृषि के माध्यम से लोगों को वित्तीय लाभ देने का काम कर रही है। अगर फाउंडेशन उस लक्ष्य को ध्यान में रखकर बनाया गया है। आने वाले दिनों में इस अगर के पेड़ के प्रसंस्करण के माध्यम से 2,000 करोड़ रुपये की अर्थव्यवस्था बनाई जाएगी। उनका दावा है कि अगरवुड की काफी मांग है। नतीजतन, वैकल्पिक अर्थव्यवस्था इस अगरवुड पेड़ के माध्यम से संभव होगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *