जम्मू, 27 फरवरी (हि.स.)। जम्मू में शनिवार को गांधी ग्लोबल फैमिली शांति सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस आयोजन में जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कपिल सिब्बल, राज बब्बर और विवेक तन्खा शामिल हुए।
इस शांति सम्मेलन के दौरान मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने कहा कि यह जम्मू या कश्मीर या लद्दाख हो, हम सभी धर्मों, लोगों और जातियों का सम्मान करते हैं। हम सभी का समान रूप से सम्मान करते हैं, यही हमारी ताकत है और हम इसे जारी रखेंगे।
उन्होंने कहा कि पिछले पांच से छह सालों में उन्होंने तथा उनके अन्य साथियों ने जम्मू-कश्मीर के मुद्दों को संसद में उठाया है। उन्होंने कहा कि चाहे वो जम्मू-कश्मीर से राज्य का दर्जा छीनना हो या फिर बेरोजगारी का मुद्दा हो, हर बात को कांग्रेस ने संसद में जोरशोर से उठाया है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में कई मुद्दे हैं जिन पर सरकार ने ध्यान नहीं दिया है। यहां की उपेक्षा की गई है, उद्योगों को खत्म किया गया है, यहां शिक्षा भी कुछ वर्षों में प्रभावित हुई है।
इस दौरान कांग्रेस नेता राज बब्बर ने कहा कि लोग हमें जी-23 कहते हैं, परंतु मैं गांधी 23 कहता हूं। महात्मा गांधी के विश्वास, संकल्प और सोच के साथ ही इस देश का कानून और संविधान बना। इन्हें आगे बढ़ाने के लिए कांग्रेस मजबूती से खड़ी है। उन्होंने जी-23 के मकसद को लोगों के समक्ष उजागर करते हुए कहा कि जी-23 कांग्रेस को मजबूत देखना चाहती है। हम इसी पर काम करेंगे।
राज बब्बर के बाद मंच पर उतरे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व सांसद कपिल सिब्बल ने कहा कि आजाद एक अनुभवी नेता हैं। मुझे तो यह बात समझ नहीं आती कि आज तक कांग्रेस ने उनके अनुभव का लाभ क्यों नहीं उठाया।