मोटेरा स्टेडियम अब ‘नरेंद्र मोदी स्टेडियम’ के नाम से जाना जायेगा, राष्ट्रपति ने किया उद्घाटन

अहमदाबाद, 24 फरवरी (हि.स.)। अहमदाबाद के मोटेरा में नवनिर्मित विश्व का सबसे बड़ा क्रिकेट स्टेडियम अब नरेन्द्र मोदी स्टेडियम के नाम से जाना जायेगा। बुधवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इस स्टेडियम ने देश काे समर्पित किया। इस स्टेडियम में आज से भारत और इंग्लैंड के बीच तीसरा टेस्ट डे-नाइट मैच खेला जायेगा। राष्ट्रपति ने सरदार पटेल के नाम से बनने वाले स्पोर्ट्स एंक्लेव का भूमि पूजन भी किया।

बुधवार सुबह राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मोटेरा में नवनिर्मित विश्व के सबसे बड़े स्टेडियम का उद्घाटन किया। इस स्टेडियम में एक लाख दस हजार दर्शकों के बैठने की क्षमता है। राष्ट्रपति ने यहां 233 एकड़ में बनने वाले सरदार वल्लभभाई पटेल स्पोर्ट्स एंक्लेव का भूमिपूजन भी किया। इस एंक्लेव में एक हॉकी स्टेडियम भी निर्मित होगा, जो मशहूर हॉकी खिलाड़ी ध्यानचंद के नाम से जाना जायेगा। इस मौके पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय खेल मंत्री किरण रिजु, गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत और गुजरात के उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल, बीसीसीआई के सचिव जय शाह और जीसीसीआई के घनजय नाथवानी भी मौजूद रहे। यहां 233 एकड़ में बनने वाले स्पोर्ट्स एन्क्लेव का नाम अब सरदार पटेल के नाम पर रखा जाएगा

कड़ी सुरक्षा व्यवस्था
शहर में राष्ट्रपति और केन्द्रीय गृह मंत्री के अलावा अन्य कई प्रमुख लोगों के कार्यक्रम को देखते हुए बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था। स्टेडियम के आसपास के क्षेत्र को पुलिस के सील कर देने से क्षेत्र के नागरिकों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। काम पर जाने से देरी होने पर एक महिला ने पुलिस के साथ हाथापाई तक कर दी।

आज से शुरू होगा डे-नाइट टेस्ट मैच
भारत और इंग्लैंड के बीच तीसरा टेस्ट मैच आज से यहां बने दुनिया के सबसे बड़े स्टेडियम में खेला जायेगा। यह टेस्ट मैच डे नाइट होगा और पिंक बॉल के साथ खेला जाएगा। इसके लिए स्टेडियम के बाहर दर्शकों का हुजूम उमड़ पड़ा। भारतीय टीम के के समर्थक रामबाबू भी अहमदाबाद पहुंच गये हैं। रामबाबू पिछले 15 वर्ष से टीम इंडिया के समर्थन के लिए मैच के स्थान पर पहुंच गए हैं। रामबाबू ने अपने शरीर पर तिरंगे के साथ-साथ भारतीय क्रिकेट टीम और महेंद्र सिंह से जुड़ी यादों के बारे में बताया। रामबाबू ने बताया कि मैच के दिन सुबह चार या पांच बजे उठकर शरीर पर एक विशेष रसायन से डिजायन बनाने में पांच से छह घंटे से अधिक का समय लगता है।

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