नई दिल्ली, 19 फरवरी (हि.स.)। लद्दाख में चीन के साथ सीमा विवाद के मुद्दे पर कांग्रेस पार्टी लगातार केंद्र सरकार पर हमलावर रही है। ऐसे में गुरुवार को हुई संसद की रक्षा संबंधी मामलों की स्थायी समिति की बैठक में भी कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने एलओसी की स्थिति, चीन के साथ हुए समझौते और राफेल जेट के मामले को उठाया, जिसे लेकर काफी हंगामा हुआ।
दरअसल, केंद्रीय बजट में रक्षा मंत्रालय से जुड़े प्रावधानों पर चर्चा के लिए गुरुवार को रक्षा संबंधी मामलों की स्थायी समिति की बैठक बुलाई गई थी। इस बैठक में रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों के अलावा चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ जनरल बिपिन रावत और डीजीएमओ समेत कई अन्य सैन्य आला अधिकारी मौजूद थे। इसी दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने राफेल विमानों की संख्या घटाए जाने को लेकर सवाल किया कि जब पहले 126 राफेल विमानों के लिए समझौता हुआ था तो उसे घटाकर 36 क्यों किया गया? वह भी ऐसे समय जब भारत चीन और पाकिस्तान की तरफ से संयुक्त खतरे का सामना कर रहा है। उन्होंने पूछा था कि सरकार इस नुकसान की भरपाई कैसे करेगी।
कांग्रेस नेता के एक के बाद एक सवाल पूछे जाने पर समिति के अध्यक्ष जुएल ओरांव ने राहुल को रोकते हुए कहा कि यह बैठक रक्षा संबंधी संसदीय स्थायी समिति की है और इसमें आम बजट पर चर्चा होनी है। जबकि आपने काफी समय गैर जरूरी सवालों पर खर्च कर दिया है। हालांकि इसके बाद भी राहुल गांधी रुके नहीं और लद्दाख में भारत और चीन की सेना के बीच हुए समझौते तथा भारतीय जमीन पर चीन के कब्जे का मसला उठाया। इस पर राहुल ने समिति के अध्यक्ष से कहा कि अगर वे बता दें कि कौन सा सवाल गैर-जरूरी है तो वह माफी मांग लेंगे। हालांकि इस पर जुएल ओरांव ने कोई टिप्पणी नहीं की लेकिन इसके बाद राहुल और भाजपा सांसदों के बीच नोंक-झोंक शुरू हो गई।