नई दिल्ली, 18 फरवरी (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट ने दसवीं अनुसूची के तहत अयोग्य ठहराये गए विधायकों को दोबारा उप चुनाव लड़ने से रोकने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई दो हफ्ते के लिए टाल दी है। आज सुनवाई के दौरान निर्वाचन आयोग ने जवाब दाखिल करने के लिए समय देने की मांग की, जिसके बाद सुनवाई टाल दी गई।
सात जनवरी को कोर्ट ने केंद्र सरकार और निर्वाचन आयोग को नोटिस जारी किया था। याचिकाकर्ता मध्य प्रदेश कांग्रेस के नेता जया ठाकुर ने याचिका में संविधान के अनुच्छेद 191(1)(ई) और दसवीं अनुसूची को लागू करने की मांग की है। याचिका में कहा गया है कि अयोग्य ठहराये गए विधायकों को तब तक उप-चुनाव लड़ने से रोका जाए, जब तक उस विधानसभा का कार्यकाल है, जिसके लिए वह चुना गया था।
याचिका में कहा गया है कि देशभर में हालिया राजनीतिक घटनाओं ने दसवीं अनुसूची को बेमानी बना दिया है। सत्ताधारी दल के विधायक इस्तीफा देते हैं और बाद में दूसरे दल की सरकार बनाने में सहयोग करते हैं। उन विधायकों को नई सरकार में मंत्री पद भी दिया जाता है और दोबारा उप-चुनाव लड़ने के लिए टिकट भी दिए जाते हैं। याचिका में मणिपुर, कर्नाटक और मध्य प्रदेश में हुए राजनीतिक घटनाक्रम का हवाला दिया गया है।