नई दिल्ली, 17 फरवरी (हि.स.)। पाकिस्तान से मंगलवार को प्रकाशित अधिकांश समाचारपत्रों ने आईएमएफ के जरिए पाकिस्तान पर लगी पाबंदियों को उठाए जाने से सम्बंधित खबरें प्रकाशित की हैं। अखबारों ने लिखा है कि इस पाबंदी के हटाए जाने के बाद पाकिस्तान को विदेशी ऋण प्राप्त करने में आसानी होगी। अखबारों ने यह भी लिखा है कि पाबंदी के हटने के बाद पाकिस्तान को 50 अरब डालर का कर्जा मिलने का रास्ता साफ हो गया है। आईएमएफ ने पाकिस्तान पर आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्त संगठनों की विदेशी फंडिंग के मामले को लेकर के पाबंदी लगाई थी जिसे अब हटा लिया गया है।
अखबारों ने पाकिस्तान में सीनेट चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट के जरिए चुनाव आयोग के प्रस्ताव को रद्द करने और चुनाव आयोग से सीनेट चुनाव खुले बैलेट से कराने से सम्बंधित नए प्रस्ताव को जमा कराने का आदेश दिया है। पाकिस्तान की सत्ताधारी तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी में सीनेट चुनाव को लेकर चल रही बगावत को कुचलते हुए प्रधानमंत्री इमरान खान ने फैसला किया है कि वह किसी भी उम्मीदवार को बदलने के पक्ष में नहीं हैं। तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी ने इमरान खान की बीवी की एक दोस्त को सीनेट चुनाव के लिए उम्मीदवार बनाए जाने पर आपत्ति जताई है।
अखबारों ने सिंध और बलूचिस्तान प्रांत में 3 विधानसभा की सीटों हुए मध्यवधी चुनाव में सत्ताधारी तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के उम्मीदवारों की हार और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी व जमात उलेमा पाकिस्तान के उम्मीदवारों की जीत सम्बंधित खबरें प्रकाशित की हैं। अखबारों का कहना है कि इन पार्टियों ने अपनी-अपनी सीटों पर जीत हासिल कर अपना कब्जा बरकरार रखा है। अखबारों ने पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज की लीडर मरियम नवाज के जरिए इलाज के लिए लंदन जाने के लिए सरकार से इजाजत मांगने से सम्बंधित खबरें प्रकाशित की हैं। अखबारों का कहना है कि सरकार ने उनकी इस मांग को रद्द कर दिया है।
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री शिबली फराज का कहना है कि आखिर मुस्लिम लीग लीडर अपना ईलाज कराने के लिए विदेश क्यों जाना चाहते हैं। क्या पाकिस्तान में उनका इलाज नहीं हो सकता है आखिर उनको ऐसी कौन सी बीमारी हो जाती है। यह सभी खबरें रोजनामा औसाफ, रोजनामा जिन्नाह, रोजनामा नवाएवक्त, रोजनामा खबरें, रोजनामा पाकिस्तान और रोजनामा जंग ने अपने पहले पृष्ठ पर प्रकाशित की हैं।
रोजनामा नवाएवक्त ने पाकिस्तान की ऑल हिंदू पंचायत की तरफ से विदेश मंत्रालय के बाहर धरना प्रदर्शन कर पिछले साल अगस्त में राजस्थान के जोधपुर गए 11 पाकिस्तानी हिंदुओं की हत्या किए जाने के मामले को लेकर प्रदर्शन किया गया है। पंचायत के अध्यक्ष रमेश कुमार का कहना है कि भारत सरकार हमारे हिंदू भाइयों की लाशों को हमें सौंप नहीं रही है। उनका कहना है कि हम अपने रीति-रिवाज के अनुसार उनका अंतिम संस्कार करना चाहते हैं। उन्होंने पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय से अनुरोध किया है कि वह इस मामले में हस्तक्षेप करे और हिंदुओं की लाशें पाकिस्तान लाने में मदद करे। अखबार का कहना है कि इस मामले में पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय की तरफ से भारत को बार-बार खत लिखा जा रहा है मगर भारत की तरफ से इसका कोई जवाब नहीं दिया जा रहा है और ना ही इन हत्याओं से सम्बंधित जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जा रहा है।
रोजनामा खबरें ने यूरोपियन यूनियन के संसदीय दल के 21 सदस्यों की कश्मीर यात्रा से संबंधित खबरें प्रकाशित की हैं। अखबार का कहना है कि पूरे जम्मू-कश्मीर में यूरोपियन यूनियन के संसदीय दल के सदस्यों के आने की खबर मिलने के बाद वहां पर जगह-जगह पोस्टर और बैनर कश्मीरी संगठनों की तरफ से लगाए गए हैं। इन पोस्टरों में ‘संयुक्त राष्ट्र संघ जागो, कश्मीर समस्या का समाधान करो’ जैसे नारे लिखे गए हैं। पोस्टर में भारत सरकार की तरफ से कश्मीरी अवाम पर अपनाई जाने वाली दमनकारी नीति से छुटकारा दिलाने की बात कही गई है। अखबारों ने यह भी लिखा है कि इस प्रतिनिधिमंडल में भारत समर्थित सांसदों को रखा गया है ताकि उनके जरिए कश्मीर से बाहर जाकर कश्मीर के सही हालात का जिक्र नहीं किया जाए।
रोजनामा औसाफ ने पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के पासपोर्ट की मियाद खत्म होने और सरकार के जरिए नया पासपोर्ट नहीं बनाने के फैसले से संबंधित खबर देते हुए कहा है कि पाकिस्तान सरकार ने शरीफ को पाकिस्तान आने के लिए विशेष दस्तावेज जारी करने की पेशकश की है। पाकिस्तान के गृहमंत्री शेख़ रशीद अहमद कहा है कि अगर नवाज शरीफ पाकिस्तान आना चाहते हैं तो उनका स्वागत है, सरकार उन्हें रोकने की कोशिश नहीं करगी। उनके स्वदेश वापसी के लिए सरकार सारा दस्तावेज उपलब्ध कराएगी। उन्होंने ने एक अन्य बयान यह भी कहा है कि आसिफ जरदारी ने हार्स ट्रेडिंग में पीएचडी कर रखी है मगर इस बार के सीनेट चुनाव में उनकी यह पीएचडी काम नहीं आएगी क्योंकि सीनेट चुनाव पूरी तरह से साफ सुथरा करने का फैसला इमरान खान सरकार ने लिया है।