नई दिल्ली, 17 फरवरी (हि.स.)। टूलकिट मामले में पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि की गिरफ्तारी के बाद से सियासत लगातार गरमाती जा रही है। कांग्रेस के नेताओं द्वारा गिरफ्तारी को गलत ठहराए जाने के बाद बुधवार को पार्टी की छात्र इकाई नेशनल स्टूडेंट यूनियन आफॅ इंडिया (एनएसयूआई) ने बुधवार को शास्त्री भवन के सामने विरोध प्रदर्शन किया। एनएसयूआई ने मांग की है कि दिशा रवि को तुरंत रिहा किया जाए। पुलिस ने शांति भंग के आरोप में एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज कुंदन, सतवीर चौधरी, हुसैन सुल्तानिया, शौर्यवीर चौधरी, कुनाल सहरावत, अर्जुन चपराना, रोहित राणा सहित करीब 20 लोगों को गिरफ्तार किया।
एनएसयूआई अध्यक्ष नीरज कुंदन ने कहा कि 21 वर्षीय दिशा रवि पर्यावरण कार्यकर्ता होने के साथ-साथ सामाजिक मुद्दों पर भी अपनी राय रखती हैं। इसी क्रम में उन्होंने किसान आंदोलन का भी समर्थन किया, शायद यही बात भाजपा सरकार को हजम नहीं हुई। तभी तो आनन-फानन में सरकार के इशारे पर दिल्ली पुलिस ने दिशा रवि को गिरफ्तार कर लिया। उन्होंने कहा कि एनएसयूआई दिशा रवि की गिरफ्तारी का विरोध करती है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार हिटलर के रास्ते पर चलकर देश के युवाओं को ख़ामोश करने की कोशिश करेगी तो जागरूक युवा इसके खिलाफ पुरजोर तरीके से आगे आएंगे।
मोदी सरकार को युवा विरोधी बताते हुए नीरज कुंदन ने कहा कि वर्ष 2014 से 2019 तक राजद्रोह के 191 मामले दर्ज किए गए, जिसमें युवाओं को ही ज्यादतर आरोपित बनाया गया है। हालांकि सत्य यह भी है कि 191 में से सिर्फ चार लोगों पर ही दोष सिद्ध हो पाए। इससे स्पष्ट है कि यह सरकार युवाओं की आवाज को अलोकतांत्रिक तरीके से दबाना चाहती है।