नई दिल्ली, 13 फरवरी (हि.स.)। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को पिछली कांग्रेस सरकारों पर अर्थव्यवस्था को लेकर स्पष्ट नीति ना अपनाने और देश की क्षमताओं का उचित उपयोग ना करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि जनसंघ और बाद में भाजपा नेतृत्व वाली सरकारों ने भारत के उद्योगपतियों, युवाओं और व्यापारियों की योग्यता व क्षमता को सम्मान दिया है।
लोकसभा में बजट पर हुई चर्चा का उत्तर देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार धन सृजनकर्ताओं, करदाताओं और आमजन का सम्मान करती है। इनके प्रयासों का लाभ उठाकर गरीब व वंचित तबके की मदद करने पर विश्वास रखती है।
वित्त मंत्री ने विपक्ष खासकर कांग्रेस की ओर से धनकुबेरों को मदद पहुंचाने के आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि हमारे लिए जनता ही सर्वोपरि है। उन्होंने आरोप लगाया कि असल में धन कुबेर कांग्रेस पार्टी में छुपे हुए हैं जिन्हें पोर्ट तक निर्माण का कार्य दिया जाता रहा। वह अपने समय में कोई खुला टेंडर जारी नहीं करते थे। सीतारमण ने कहा कि असल में ‘हम दो-हमारे दो’ का अर्थ यह है कि दो लोग पार्टी चलाएंगे और दो लोग बेटी और दामाद उसका लाभ उठाएंगे।
इस दौरान वित्त मंत्री ने मनरेगा के तहत 2014 से पहले कुल आवंटित धनराशि के अल्प उपयोग संबंधी आंकड़े रखे और कहा कि रोजगार गारंटी योजना के तहत उनकी सरकार में धन आवंटन से ज्यादा धन उपयोग किया गया है, यानी लोगों को इसका ज्यादा लाभ मिला है।
वित्त मंत्री ने कहा कि बजट में स्वास्थ्य को लेकर एक समग्र दृष्टि रखी गई है, जिसमें स्वास्थ्य सुरक्षा और देखभाल व संपूर्ण स्वास्थ्य की चिंता की गई है। उन्होंने कहा कि पेयजल और स्वच्छता की दिशा में किए गए कार्यों के बावजूद स्वास्थ्य से जुड़े मुख्य बिंदुओं पर आवंटन में कटौती नहीं की गई है।
उन्होंने कहा कि बजट में किए गए आर्थिक सुधार भारत को विश्व की शीर्ष अर्थव्यवस्था बनाने के लिए हैं। इसमें आत्मनिर्भर भारत को गति देने का प्रयास किया गया है। कोरोना महामारी के बावजूद सरकार ने आर्थिक सुधारों को जारी रखते हुए दीर्घकालिक लक्ष्यों की पूर्ति के लिए बजट में प्रावधान किए हैं।