अगरतला, 12 फरवरी (हि.स.)। बलात्कार और धोखाधड़ी में दोषी करार युवक को अदालत ने शुक्रवार को सश्रम कारावास और अर्थ दंड की सजा सुनाई। ज्ञात हो कि एक युवती को शादी का झांसा देकर यौनाचार करने और बाद शादी से इनकार करने के आरोप में अदालत ने गुरुवार को आरोपी युवक को दोषी करार दिया था। सजा का ऐलान अगले दिन के लिए अदालत ने सुरक्षित रख लिया था।
इस संबंध में शुक्रवार को अदालत ने भारतीय दंड संहिता की धारा 376 के तहत 12 साल की कैद और 417 के तहत 01 साल की कैद की सजा सुनाई। साथ ही अदालत ने 376 धारा के तहत 50 हजार रुपये का जुर्माना, भुगतान न करने की स्थिति में 02 साल की अतिरिक्त जेल और 417 धारा के तहत 10 हजार रुपये का जुर्माना, भुगतान न करने की स्थिति में 03 महीने की अतिरिक्त जेल की सजा सुनाई है।
असिस्टेंट पब्लिक प्रासिक्यूटर (एपीपी) अरबिंद देब ने कहा कि पश्चिम त्रिपुरा के जिला और सत्र न्यायाधीश की अदालत ने शुक्रवार को आरोपी संजीव पाल को सजा सुनाई। अरविंद ने कहा कि दोनों सजा एक साथ चलेगी।
अदालत ने निर्देश दिया कि जुर्माने की पूरी राशि नेशनल बैंक में पीड़ित के बच्चे के नाम पर 5 साल के लिए फिक्स्ड की जानी चाहिए। अदालत ने पश्चिम त्रिपुरा कानूनी सेवा प्राधिकरण को त्रिपुरा महिला पीड़ित मुआवजा योजना के तहत 03 लाख या 04 लाख रुपये का भुगतान करने का भी निर्देश दिया।
गौरतलब है शिकायतकर्ता को अब जाकर 2013 की घटना में न्याय मिला है। अरबिंद ने कहा कि आमेटली पुलिस स्टेशन के निवासी संजीव को अपने इलाके की एक लड़की से प्यार हो गया था। धीरे-धीरे संजीव और लड़की के बीच शारीरिक संबंध भी हो गया। उन्होंने कहा कि गर्भवती होने के बाद संजीव पर उसकी प्रेमिका ने शादी करने का दबाव डाला। लेकिन, संजीव ने लड़की से शादी करने से इनकार कर दिया। जिसके बाद पीड़िता ने आमेटली थाने में प्राथमिकी दर्ज कराया था। हालांकि, मामला लंबे समय से लंबित था।