वॉशिंगटन, 12 फरवरी (हि.स.)। भारतीय मूल के एक अमेरिकी इंजीनियर को 72.9 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के आरोप में यहां की एक स्थानीय अदालत ने दोषी ठहराया है। उस पर आरोप था कि अमेरिका में कोरोना महामारी राहत कार्यक्रम के तहत अपना व्यापार शुरू करने के लिए कर्ज के रूप में मिले एक करोड़ डॉलर (करीब 72.9 करोड़ रुपये) की धोखाधड़ी की।
आरोप पत्र के मुताबिक 30 वर्षीय शशांक राय ने ऋण लेने के लिए संबंधित बैंक में फर्जी दस्तावेज जमा किए। यहां तक कि उसने जो शपथ पत्र दिया वह भी अन्वेषण में झूठा साबित हुआ। शशांक को 30 मई, 2020 को बैंक के साथ धोखाधड़ी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। शशांक ने अपने खिलाफ लगे आरोपों को स्वीकार कर लिया है।
कोर्ट के अनुसार शशांक के घर के बाहर से कूड़े में से हाथ से लिखे हुए कुछ दस्तावेज बरामद किए गए। इससे शशांक के तीन मिलियन डॉलर के निवेश की जानकारी मिली। अमेरिका के सरकारी अधिवक्ता एनजे गंजेई के मुताबिक पे-रोल प्रोटेक्शन प्रोग्राम संघर्ष कर रहे व्यापारियों और मेहनती अमेरिकियों की सहायता करने के लिए बनाया गया है। यह उन लोगों के लिए नहीं है जिनके पास कोई उद्योग अथवा व्यापार नहीं है। शशांक राय ने इसी योजना के तहत ऋण लिया था।