नई दिल्ली, 03 फरवरी (हि.स.)। केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ सड़क से लेकर संसद तक कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी पार्टियों का विरोध जारी है। इस क्रम में जहां राज्यसभा में कांग्रेस के विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद और आनंद शर्मा ने किसान कानूनों को लेकर ‘सस्पेंशन ऑफ बिजनेस’ नोटिस जारी किया है। वहीं, दिल्ली बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी किसानों को रोकने के लिए कीलें गाड़ने तथा कंटीले तारों से फेंसिंग बनाए जाने को लेकर कांग्रेस ने सरकार को घेरा है।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता पवन बंसल ने कहा है कि यह दुर्भाग्य है कि दस कतारों की नाकाबंदी, संघर्ष कर रहे किसान शौचालय व पानी से वंचित हैं। उन्होंने कहा कि यह लोकतांत्रिक ‘नये भारत’ की राजधानी के पास है या युद्ध समय सरहद पर दुश्मन के ख़िलाफ़? यह समझ से परे है। आखिर किस प्रकार के लोकतंत्र की व्यवस्था ये सरकार करना चाहती है।
महिला कांग्रेस अध्यक्ष सुष्मिता देव ने कहा कि ‘यह सरकार भारत पर शासन करने वाली औपनिवेशिक शक्तियों से भी बदतर है। इसमें फासीवादी शासन का हर गुण है।’
वहीं, मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने दिल्ली कि सीमा पर किसानों के लिए इंटरनेट बैन करने को लेकर कहा कि मोदी-शाह जी को अब अटल जी अडवाणी जी जैसे लोकतंत्र में विश्वास रखने वालों के विचारों से कोई सरोकार नहीं है। पहले केवल कश्मीर घाटी में इंटरनेट सेवाएँ रोकी जाती थीं, अब घाटी से उतरकर हरियाणा तक यह रोग आ गया है।
2021-02-03