इस्लामाबाद, 31 दिसम्बर (हि.स.)। पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने ख़ैबर पख़्तूनख़्वा सूबे के करक कस्बे में हिन्दू मंदिर पर हमले तथा उसे जलाने की घटना का संज्ञान लिया है। न्यायालय ने सूबे के मुख्य सचिव और इंस्पेक्टर जनरल को घटनास्थल का मुआयना कर रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है। .
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति गुलजार अहमद ने मुख्य सचिव और आईजी से कहा है कि वह अपनी रिपोर्ट आगामी चार जनवरी तक दाखिल करें, जिसके बाद पांच जनवरी को मामले की सुनवाई होगी। मुख्य न्यायाधीश ने पाकिस्तान के एक सदस्यीय अल्पसंख्यक अधिकार आयोग को भी इस संबंध में निर्देश जारी किए हैं।
पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट की एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि देश की संसद नेशनल एसेंबली के सदस्य और पाकिस्तान हिन्दू काउंसिल के संरक्षक डॉ रमेश कुमार ने मुख्य न्यायाधीश से कराची में मुलाकात की थी। उन्होंने मुख्य न्यायाधीश को घटना के बारे में बताया था। भीड़तंत्र का शिकार बने मंदिर में हिन्दू संत श्री परमहंस महाराज की समाधि थी। मुख्य न्यायाधीश ने इस घटना पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए हिन्दू सांसद को बताया कि उन्होंने इस घटना का संज्ञान लिया है तथा इस पर पांच जनवरी को इस्लामाबाद मे सुनवाई होगी।
मंदिर में बुधवार को हुई इस घटना के दौरान सैकड़ों मजहबी उन्मादियों ने मंदिर पर हमला कर तोड़-फोड़ की तथा बाद में मंदिर को आग लगा दी। मौके पर पुलिस नदारद थी। बाद में घटना के बारे में एक प्रमुख इस्लामी नेता रहमत खटक और 350 अन्य लोगों के खिलाफ प्राथिमिकी दर्ज कराई गई। जेयूआईएफ के नेता रहमत खटक को गिरफ्तार कर लिया गया है।