- बांबी बाल्टी से लैस हेलीकॉप्टर घाटी में कर रहा है पानी का छिड़काव
- मणिपुर के मुख्यमंत्री ने हवाई सर्वेक्षण करके अधिकारियों से मदद मांगी
- मणिपुर के सबसे घने जंगल कॉल कोज़िरि में आग पहुंचने की संभावना
नई दिल्ली, 31 दिसम्बर (हि.स.)। नगालैंड की दज़ुको घाटी में लगी आग को बुझाने के लिए गुरुवार सुबह भारतीय वायुसेना का हेलीकॉप्टर पहुंच गया है। नगालैंड के कोहिमा जिला अंतर्गत दज़ुको वैली में लगी आग की वजह से यहां का प्राकृतिक सौंदर्य खाक हो चुका है। दो दिन से लगी आग पर काबू नहीं पाया जा सका है, इसलिए नगालैंड प्रदेश के आपदा विभाग ने भारतीय वायु सेना से आग बुझाने के लिए मदद की गुहार लगाई थी। मणिपुर के मुख्यमंत्री ने आज सुबह घाटी में जंगल की आग को गंभीरता से लेते हुए हवाई सर्वेक्षण भी किया और संबंधित अधिकारियों से मदद मांगी है।
नगालैंड के कोहिमा जिला अंतर्गत दज़ुको वैली में मंगलवार को आग लगी थी, जिससे यहां का प्राकृतिक सौंदर्य आग की लपटों में जलकर खाक हो गया है। घाटी का सुंदर प्राकृतिक परिवेश, मौसमी फूल और विभिन्न प्रजाति के प्राकृतिक वन्य पेड़-पौधे पर्यटकों को काफी आकर्षित करते रहे हैं। नगालैंड और मणिपुर की सीमाई इलाके में स्थित जूको वैली को देखने के लिए प्रत्येक वर्ष हजारों की संख्या में पर्यटक आते हैं। मंगलवार को लगी भयावह आग का कारण नहीं पता चल सका है। वर्ष 2018 में भी यहां भयावह आग लगी थी, जिसके चलते वैली को काफी नुकसान हुआ था। नगालैंड प्रदेश आपदा विभाग ने भारतीय वायु सेना से आग बुझाने के लिए मदद की गुहार लगाई थी।
इस पर आज सुबह वायुसेना के पूर्वी वायु कमान मुख्यालय से कोहिमा के पास दजुको घाटी में आग बुझाने के लिए बांबी बाल्टी से लैस हेलीकॉप्टर एमआई-17वी5 भेजा गया है। यह विमान घाटी की आग बुझाने में नगालैंड के राज्य सरकार की मदद कर रहा है। दज़ुको घाटी के अधिकारियों और ग्रामीणों की वजह से जंगल की आग शहरी क्षेत्रों में प्रवेश नहीं कर सकी है। फिर भी सूखी घास होने और तेज हवाओं के कारण आग जंगल तक ही सीमित है। अग्निशमन के लिए वायुसेना का हेलीकॉप्टर आज सुबह से बांबी बाल्टी से पानी का छिड़काव करके आग बुझाने की कोशिश कर रहा है।
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने अपने ट्विटर हैंडल से दजुको घाटी में लगी आग की कई फोटो आज सुबह शेयर करके कहा कि यह तस्वीर माउंट खूघो में माओ की ओर से सुबह 8.30 बजे क्लिक की गई है। घाटी की आग पहले ही मणिपुर की सबसे ऊंची चोटी को पार कर चुकी है। उनका कहना है कि अगर हवा का बहाव दक्षिणी दिशा में होता है तो मणिपुर के सबसे घने जंगल कॉल कोज़िरि में आग पहुंचने की संभावना है। उनका कहना है कि घाटी में जंगल की आग अब बहुत खतरनाक है और इसे माउंट की ओर फैलने से पहले तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है। अग्निशमन सेवा, वन अधिकारी और स्वयंसेवक साइट पर पहुंचे हैं। मुख्यमंत्री ने एनडीआरएफ से भी अनुरोध किया कि वह स्थिति को संभालने में सहायता करे।
मुख्यमंत्री ने आज सुबह घाटी में जंगल की आग को गंभीरता से लेते हुए हवाई सर्वेक्षण भी किया और अधिक कर्मियों को मौके पर भेजा है। उन्होंने आग का प्रसार रोकने और घाटी के गहरे जंगल के हिस्से को बचाने के लिए संबंधित अधिकारियों से मदद मांगी है। हवाई सर्वेक्षण के बाद उन्होंने कहा कि आग काफी हद तक फैल गई है और पर्वत श्रृंखला के इस हिस्से पर गंभीर नुकसान हुआ है। अग्निशमन सेवा, वन अधिकारी और स्वयंसेवक साइट पर पहुंच रहे हैं।