अगरतला, 24 दिसम्बर (हि.स.) । त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देव के अथक परिश्रम और दृढ़ निश्चय के परिणामस्वरूप अगवा किए गए तीन निर्माण मजदूर उग्रवादी शिकंजे से वापस आ गए हैं। मुख्यमंत्री उन्हें वापस लाने के लिए बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना और भारत सरकार के साथ लगातार संपर्क में थे। इसलिए वे बिना शर्त लौटे हैं। त्रिपुरा के पुलिस महानिदेशक वीएस यादव ने अपहृत तीन निर्माण श्रमिकों को उग्रवादियों के चंगुल से छुड़ाने के लिए सारा श्रेय मुख्यमंत्री को दिया है।
डीजीपी यादव ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि उग्रवादियों पर दबाब देने के बाद वे अगवा हुए तीन मजदूरों को रिहा करने के लिए मजबूर हो गए। डीजीपी के अनुसार उग्रवादियों ने गंगानगर से अपहरण के बाद तीन निर्माण मजदूरों को बांग्लादेश में एक गुप्त शिविर में छिपाकर रखा हुआ था। हालांकि, उन पर विभिन्न तरीकों से दबाब देकर तीनों श्रमिकों को रिहा करने के लिए मजबूर किया गया। इस मामले में निश्चित रूप से त्रिपुरा के मुख्यमंत्री ने दृढ़ संकल्प के साथ सभी पहलुओं को संभाला है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देव ने उन तीन मजदूरों को वापस लाने के लिए बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना से मदद माँगी थी। इतना ही नहीं, वह भारत सरकार के लगातार संपर्क में थे।
डीजीपी ने दावा किया कि उन्होंने भी बांग्लादेश के सुरक्षा बलों से व्यक्तिगत रूप से संपर्क किया है। तीनों मजदूरों को खोजने में मदद मांगी थी। डीजीपी ने बताया कि त्रिपुरा और बांग्लादेश में लगातार सर्च ऑपरेशन में उन तीनों मजदूरों को छिपाना संभव नहीं हुआ, इसलिए उन्हें रिहा कर देना पड़ा। उन्होंने साफ कहा कि तीन मजदूरों की वापसी के लिए फिरौती दी गई थी।
उल्लेखनीय है कि अपहरण के 16 दिनों के बाद तीन निर्माण मजदूर कल उग्रवादियों की गिरफ्त से वापस आ गए हैं। उन्हें गत सात दिसम्बर को बंदूक की नोक पर अपहरण कर लिया गया था। जैसे ही वे लौटे, सभी को राहत मिली है।