विकसित भारत जी-राम-जी के तहत योजना में बढ़ेगा केंद्र सरकार का योगदान: केंद्रीय कृषि मंत्री

नई दिल्ली, 24 दिसंबर: केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि विकसित भारत: जी-राम-जी योजना के तहत केंद्र सरकार का योगदान मनरेगा के 86 हजार करोड़ रुपये की तुलना बढ़कर लगभग 95 हजार करोड़ रुपये कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि यह ग्रामीण रोजगार के लिए सरकार के निरंतर और मजबूत समर्थन को दर्शाता है।

एक अंग्रेजी दैनिक में प्रकाशित लेख में केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि राष्ट्रपति ने विकसित भारत – रोजगार और आजीविका मिशन (ग्रामीण) अधिनियम, 2025 को मंजूरी दे दी है, जिससे वैधानिक मजदूरी रोजगार गारंटी को बढ़ाकर 125 दिन कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत, राज्यों को केवल कार्यान्वयन एजेंसियों के रूप में नहीं, बल्कि विकास में भागीदार के रूप में माना जाता है, जिन्हें वैधानिक ढांचे के भीतर अपनी योजनाओं को अधिसूचित और कार्यान्वित करने का अधिकार दिया गया है।

केंद्रीय कृषि मंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि यूपीए सरकार ने मनरेगा के तहत केवल 2 लाख 13 हजार करोड़ रुपये खर्च किए थे, जबकि नरेंद्र मोदी सरकार ने 8 लाख 53 हजार करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए हैं। श्री चौहान ने कहा कि बजट आवंटन भी 2013-14 में 33 हजार करोड़ रुपये से बढ़ाकर 2024-25 में 86 हजार करोड़ रुपये कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि महिलाओं की भागीदारी 48 प्रतिशत से बढ़कर लगभग 57 प्रतिशत हो गई है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि नियंत्रक और महालेखा परीक्षक की 2013 की रिपोर्ट ने यूपीए सरकार के अधीन मनरेगा की वास्तविक स्थिति को उजागर किया, जिसमें व्यापक भ्रष्टाचार और कुप्रबंधन का खुलासा हुआ। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट में 23 राज्यों में 43 लाख से अधिक फर्जी जॉब कार्ड, हिसाब-किताब के बिना निकासी और अनियमित कार्यों के कारण हजारों करोड़ रुपये के नुकसान, और मजदूरी में देरी या मजदूरी से इनकार का उल्‍लेख है।

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