नई दिल्ली, 19 दिसंबर: नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री मुरलीधर महल ने कहा कि भारत में कुल 93 एयरपोर्ट अब 100% ग्रीन एनर्जी का इस्तेमाल कर रहे हैं।
लोकसभा में एक लिखित जवाब में, उन्होंने कहा कि देश के चार एयरपोर्ट—दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद और बेंगलुरु—ने एयरपोर्ट्स इंटरनेशनल काउंसिल (AIC) का सबसे ऊंचा कार्बन एक्रेडिटेशन लेवल हासिल कर लिया है और कार्बन न्यूट्रल बन गए हैं।
सरकार ने शुरू में इंटरनेशनल उड़ानों के लिए पारंपरिक जेट फ्यूल के साथ सस्टेनेबल एविएशन फ्यूल को मिलाने के लिए गाइडलाइन टारगेट तय किए हैं: 2027 तक 1%, 2028 तक 2% और 2030 तक 5%।
महल ने यह भी कहा कि केंद्र ने ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट पॉलिसी बनाई है, जो देश के अलग-अलग हिस्सों में नए एयरपोर्ट बनाने के लिए गाइड करती है। पॉलिसी के तहत, प्रपोज़ करने वाली राज्य सरकार या प्राइवेट सेक्टर की एंटिटी को मिनिस्ट्री को एक प्रपोज़ल देना होगा।
उन्होंने कहा कि मंत्रालय, अलग-अलग पहलुओं पर प्रपोज़ल का एनालिसिस करने के बाद, संबंधित डिपार्टमेंट, एजेंसियों और राज्य सरकारों से सलाह करके इसे मंज़ूरी देता है।
राज्य मंत्री ने आगे बताया कि एयरपोर्ट डेवलपमेंट और ऑपरेशन, खासकर ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट्स, एक डेवलप्ड इंडिया पाने के लिए एक स्ट्रेटेजिक पहल है। इससे रीजनल कनेक्टिविटी बढ़ेगी, टूरिज्म और ट्रेड को बढ़ावा मिलेगा, लॉजिस्टिक्स डेवलप होंगे और रोज़गार पैदा होंगे।
उन्होंने खास तौर पर कहा कि नवी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट समेत बड़े ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट, रीजनल इंडस्ट्रियल और अर्बन डेवलपमेंट को तेज़ करेंगे, कनेक्टिविटी बढ़ाएंगे, इंडस्ट्रियल कॉरिडोर और लॉजिस्टिक्स हब बनाएंगे और इन्वेस्टमेंट को अट्रैक्ट करेंगे।
इसके अलावा, सरकार ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत रीजनल ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट और उससे जुड़े इक्विपमेंट समेत एयरक्राफ्ट मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम को बढ़ावा दे रही है।
राज्य मंत्री ने कहा कि GST रेट्स को रैशनलाइज़ करना, रॉयल्टी खत्म करना, विदेशी पायलट और क्रू के लिए वीज़ा मैनुअल में बदलाव, मेंटेनेंस के लिए इम्पोर्ट और री-इम्पोर्ट पीरियड को बढ़ाना जैसे कई उपाय एयरक्राफ्ट मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम को मज़बूत कर रहे हैं।
