नई दिल्ली, 11 दिसंबर : राज्यसभा में राष्ट्र गीत वंदे मातरम की 150वीं वर्षगांठ पर चर्चा आज फिर शुरू हुई। गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को इस पर चर्चा आरंभ की थी।
चर्चा का समापन करते हुए राज्यभा में सदन के नेता और केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने कहा कि वंदे मातरम राष्ट्र की आत्मा जागृत करने का मंत्र है और यह देश की संस्कृति के साथ जुड़ने का अवसर भी देता है। उन्होंने कहा कि राष्ट्र गीत वंदे मातरम सभी के लिए प्रेरणा का भावनात्मक स्रोत है और देश को एकता के साथ आगे बढ़ाने का मंत्र हैं।
श्री नड्डा ने कहा कि यह गीत स्वतंत्रता संग्राम के दौरान कई ऐतिहासिक घटनाओं का साक्षी रहा है। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम के दौरान इस राष्ट्रीय गीत ने सभी में ऊर्जा का संचार किया।
कांग्रेस के आरोप पर श्री नड्डा ने कहा कि सरकार वंदे मातरम पर चर्चा के जरिए पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की छवि धूमिल नहीं करना चाहती। उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य श्री नेहरू का अपमान करना नहीं बल्कि इतिहास का सही रिकॉर्ड रखना है।
श्री नड्डा ने कहा कि 1937 में जवाहर लाल नेहरू की अध्यक्षता में और सांप्रदायिक तत्वों के दबाव में इस गीत के कुछ खंड हटा दिए गए। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता के बाद राष्ट्र गीत को उचित सम्मान नहीं दिया गया।
श्री नड्डा ने कहा कि पिछले दो दिन में वंदे मातरम पर चर्चा के दौरान सदन के 80 से अधिक सदस्यों ने भाग लिया जो इस विषय की प्रासंगिकता को दिखाता है। उन्होंने कहा कि इस चर्चा के जरिए युवा पीढ़ी राष्ट्रीय गीत की गहराई से समझ सकेगी।
