नई दिल्ली, 9 दिसंबर : सरकार ने कहा है कि उसने वामपंथ उग्रवाद को कतई बर्दाश्त न करने की नीति अपनाई है और अगले वर्ष मार्च तक इसे समाप्त करने का लक्ष्य रखा है। लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान पूरक प्रश्नों के उत्तर में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि केंद्र सरकार इस समस्या को समाप्त करने के लिए राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि वामपंथ उग्रवाद न तो देश के संविधान में और न ही लोकतंत्र में विश्वास रखता है।
गृह राज्य मंत्री ने कहा कि वामपंथ उग्रवादियों ने हजारों निर्दोष लोगों की जान ली है और कई बच्चों को अनाथ किया है। गृह राज्य मंत्री ने कहा कि यह समस्या 1967 से शुरू हुई, लेकिन इसे कभी समाप्त नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों ने इसे राज्य-स्तरीय मुद्दा माना जिसकी वजह से केंद्र सरकार ने न तो कड़ी कार्रवाई की और न ही कोई कारगर नीति बनाई। गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बताया कि वामपंथ उग्रवाद के खिलाफ इस नीति के तहत राज्यों को केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल की बटालियन दी गई हैं।
गृह राज्य मंत्री ने बताया कि सुरक्षा संबंधी व्यय योजना के तहत 3 हजार 523 करोड़ रुपये जारी किये गए हैं और विशेष केंद्रीय सहायता के अंतर्गत तीन हजार 848 करोड़ रुपये भी दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि पर्याप्त प्रशिक्षण सुविधाओं के साथ 706 थानों की स्थापना को मंजूरी दी गई है। उन्होंने कहा कि 20 हजार 815 करोड़ रुपये की स्वीकृति के साथ, 17 हजार किलोमीटर से अधिक सड़कों का निर्माण चल रहा है और जिसमें से 85 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। उन्होंने कहा कि 10 हजार से अधिक मोबाइल टावर भी लगाए गए हैं। गृह राज्य मंत्री ने कहा कि 2004 से 2014 के बीच हिंसा की 16 हजार से अधिक घटनाएं हुईं, जो पिछले 10 वर्षों में घटकर लगभग 7 हजार रह गई हैं। उन्होंने कहा कि, इस अवधि के दौरान नागरिक मौतों में भी 70 प्रतिशत की कमी आई है।
