नई दिल्ली, 4 दिसंबर: महाराष्ट्र सरकार ने राज्य के न्यायालय परिसरों और न्यायाधीशों के आवासों पर 8,282 सुरक्षाकर्मियों की तैनाती को मंज़ूरी दी है। इस निर्णय से राज्य के खजाने पर सालाना 443 करोड़ 24 लाख रुपये का बोझ पड़ेगा। कल जारी एक आदेश में सुरक्षा व्यवस्था के चरणबद्ध कार्यान्वयन की रूपरेखा दी गई है।
पहले चरण में मुंबई छत्रपति संभाजीनगर, नागपुर स्थित उच्च न्यायालय परिसरों और कोल्हापुर में नव-उद्घाटित सर्किट बेंच के साथ-साथ न्यायाधीशों के आधिकारिक आवासों की सुरक्षा की जाएगी। दूसरे चरण में ज़िला न्यायालयों और ज़िला-स्तरीय न्यायाधीशों के आवासों की सुरक्षा की जाएगी। अंतिम चरण में तहसील-स्तरीय न्यायालयों और न्यायाधीशों के आवासों की सुरक्षा की जाएगी।
ये सुरक्षाकर्मी महाराष्ट्र राज्य सुरक्षा निगम के माध्यम से उपलब्ध कराए जाएँगे। मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गए इस निर्णय का उद्देश्य महाराष्ट्र में न्यायपालिका के लिए एक मज़बूत और अधिक समान सुरक्षा व्यवस्था स्थापित करना है। योजना के अनुसार कार्यान्वयन दो चरणों में होगा। पहले चरण में मानव संसाधन की नियुक्ति की जाएगी जबकि दूसरे चरण में आवश्यक सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
