नई दिल्ली, 3 दिसंबर: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा है कि किसी समाज को सही मायने में तभी विकसित कहा जा सकता है जब दिव्यांगजनों के साथ समान व्यवहार किया जाए। उन्होंने कहा कि उनके साथ दया नहीं, बल्कि सम्मान और गरिमा का व्यवहार किया जाना चाहिए। राष्ट्रपति ने नई दिल्ली में दिव्यांगजन सशक्तिकरण के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार समारोह को संबोधित करते हुए यह बात कही। कार्यक्रम में उन्होंने दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण में उनके अनुकरणीय प्रयासों के लिए व्यक्तियों और संस्थाओं को राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किए।
इस अवसर पर राष्ट्रपति मुर्मु ने दिव्यांगजनों की सराहना की और कहा कि उनकी अविश्वसनीय उपलब्धियां सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। उन्होंने विशेष रूप से खेलों के माध्यम से दिव्यांगजनों के उत्थान में सरकार की भूमिका का भी उल्लेख किया। राष्ट्रपति ने कहा कि 2012 के पैरालिंपिक खेलों में भारत ने केवल एक पदक जीता था, जबकि 2024 के पैरालिंपिक खेलों में देश ने 29 पदक जीते, जो भारतीय पैरा-एथलीटों द्वारा स्थापित प्रगति के मानक को दर्शाता है।
