त्रिपुरा के कई इलाकों में जन्म प्रमाण पत्रों को लेकर उत्पीड़न के आरोप, तृणमूल कांग्रेस ने विरोध में 26 नवंबर को सार्वजनिक धरना देने का आह्वान किया

अगरतला, 19 नवंबर: राष्ट्रीय चुनाव आयोग ने अभी तक त्रिपुरा में एसआईआर की घोषणा नहीं की है। लेकिन भाजपा गाँवों और कस्बों में जन्म प्रमाण पत्र सहित विभिन्न दस्तावेज़ मांगकर एक विशेष समुदाय के लोगों को लगातार परेशान कर रही है। यह आरोप युवा तृणमूल कांग्रेस के अध्यक्ष शांतनु साहा ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में लगाया। इसके विरोध में तृणमूल कांग्रेस ने 26 नवंबर को सार्वजनिक धरना देने का आह्वान किया है।

इस दिन, शांतनु साहा ने कहा कि जब चुनाव आयोग ने कोई नोटिस नहीं दिया है, तो आम लोगों से जन्म प्रमाण पत्र, पते का प्रमाण और पहचान पत्र क्यों मांगे जा रहे हैं? यह जानबूझकर किया जा रहा उत्पीड़न है। उन्होंने आगे आरोप लगाया कि ऐसी घटनाओं में प्रशासन की कोई सक्रिय भूमिका नहीं है, जिससे खासकर अल्पसंख्यक समुदायों में दहशत फैल रही है। जिस तरह भाजपा कार्यकर्ताओं ने पश्चिम बंगाल में दहशत फैलाई है, उसी तरह वे त्रिपुरा में भी दहशत फैलाने की कोशिश कर रहे हैं।

इस स्थिति के विरोध में, युवा तृणमूल 26 नवंबर को सर्किट हाउस स्थित गांधी प्रतिमा के नीचे दो घंटे का सार्वजनिक धरना देगी। उनके अनुसार, यह धरना दस्तावेजों को लेकर अनावश्यक उत्पीड़न रोकने, अल्पसंख्यक सुरक्षा, प्रशासनिक पारदर्शिता और लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा सहित कई मुद्दों पर होगा।

उन्होंने दावा किया कि सरकार और सत्तारूढ़ दल जानबूझकर लोगों में भ्रम पैदा कर रहे हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर ऐसी गतिविधियों पर तुरंत रोक नहीं लगाई गई, तो विपक्षी दल एक बड़ा आंदोलन शुरू करेगा।