निर्यातकों के लिए एक नई ऋण आश्वासन योजना को केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी

नई दिल्ली, 13 नवंबर: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने निर्यातकों के लिए एक नई ऋण आश्वासन योजना को मंजूरी दी है, जो एमएसएमई सहित निर्यातकों को सौ प्रतिशत ऋण आश्वासन प्रदान करती है। यह योजना बीस हज़ार करोड़ तक का अतिरिक्त ऋण प्रदान करेगी, जिससे तरलता और भारत की वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ेगी। कल नई दिल्ली में कैबिनेट ब्रीफिंग में सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि इस योजना का उद्देश्य भारत को एक लाख करोड़ के निर्यात लक्ष्य का समर्थन करना और आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा देना है।

कैबिनेट ने सीज़ियम, ग्रेफाइट, रूबिडियम और ज़िरकोनियम जैसे प्रमुख खनिजों में रॉयल्टी दरों का संशोधन किया है। श्री वैष्णव ने कहा कि इससे खनिज ब्लॉकों की नीलामी को बढ़ावा मिलेगा और लिथियम, टंगस्टन और नियोबियम जैसे महत्वपूर्ण खनिजों के घरेलू उत्पादन में वृद्धि और आयात कम होगा जिससे भारत में रोज़गार के अधिक अवसर पैदा होंगे।

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 25 हज़ार करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाले निर्यात संवर्धन मिशन -ईपीएम को भी मंज़ूरी दी। यह एक प्रमुख पहल है, जिसकी घोषणा केंद्रीय बजट 2025-26 में भारत की निर्यात प्रतिस्पर्धा को मज़बूत करने के लिए की गई थी, विशेष रूप से एमएसएमई, पहली बार निर्यात करने वाले और श्रम-प्रधान क्षेत्रों के लिए है।

श्री वैष्णव ने बताया कि यह मिशन वित्तीय वर्ष 2025-26 से वित्तीय वर्ष 2030-31 तक निर्यात संवर्धन में व्यापक, लचीला और डिजिटल रूप से संचालित ढांचा प्रदान करेगा। उन्होंने आगे कहा कि ईपीएम कई खंडित योजनाओं से एक एकल, परिणाम-आधारित और अनुकूली तंत्र की ओर एक रणनीतिक बदलाव का प्रतीक है।